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Deepfake के बाद अब रिसर्चर्स ने ClearFake के लिए दी चेतावनी, अब ये क्या बला है?

डीपफेक को लेकर केंद्र सरकार और पीएम मोदी लोगों को आगाह कर चुके हैं. AI का गलत इस्तेमाल कर फेक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल की जा रही हैं. इस विषय में केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से एक्शन लेने और कड़े कानून बनाने की बात कही है. कंपनियां इस दिशा में काम कर रही हैं. इस बीच रिसर्चर्स ने ClearFake को लेकर लोगों को आगाह किया है. जानिए क्या है ClearFake और किस तरह ये लोगों को नुकसान पहुंचा रहा है.

क्या है ClearFake?

क्लियरफेक भी डीपफेक की तरह ही है. इसमें भी ठग AI के जरिए फेक वीडियो, फोटो, वेबसाइट आदि का इस्तेमाल कर लोगों को अपने जाल में फसाते हैं. इसके जरिए लोगों तक गलत जानकारी, वीडियो, फोटो और मैलवेयर पहुंचाए जाते हैं. 

ClearFake का इस्तेमाल कर ठग लोगों के सिस्टम में गलत सॉफ्टवेयर इनस्टॉल करवा रहे हैं और फिर उनकी निजी जानकारी को सिस्टम से चुरा रहा हैं.
इस साल की शुरुआत में रिसर्चर्स ने एक नए साइबर खतरे एटॉमिक macOS स्टीलर (एएमओएस) की खोज की थी जो एक परिष्कृत मैलवेयर है, जो मुख्य रूप से एप्पल उपयोगकर्ताओं को लक्षित करता है. एकबार जब ये यूजर के सिस्टम में इनस्टॉल हो जाता है तो ये संवेदनशील जानकारी निकालने की क्षमता रखता है, जिसमें iCloud किचेन पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड विवरण, क्रिप्टो वॉलेट और दूसरी तरह की फाइलें शामिल हैं.

ये मैलवेयर पहले से ही यूजर्स के लिए एक खतरा बना हुआ था लेकिन अब ठग ClearFake के जरिए इस मैलवेयर को लोगों के सिस्टम में डाल रहे हैं. क्लियरफेक का इस्तेमाल कर ठग अब फेक वेबसाइट बना रहे हैं और यूजर्स से ब्राउजर को अपडेट करने के लिए कहते हैं. ये वेबसाइट और प्रांप्ट इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि यूजर्स को लगता है कि वेबसाइट एकदम असली है और वे कम्प्रोमाइज्ड ब्राइजर जिसमें गलत जावास्क्रिप्ट कोड रहते हैं, उसे इनस्टॉल कर लेते हैं. जैसे ही एएमओएस सिस्टम में इनस्टॉल हो जाता है तो ये तमाम तरह की जानकारी को इकट्ठा करने लगता है और यही से यूजर्स की प्राइवेसी खत्म होने लगती है. जानकारी को हासिल कर ठग लोगों को फिर अलग-अलग तरह से टारगेट करते हैं.

कैसे रहें सुरक्षित?

  • इस तरह के अटैक से बचने के लिए हमेशा सॉफ्टवेयर को आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड करें. किसी भी थर्ड पार्टी से कोई भी सॉफ्टवेयर कभी भी इनस्टॉल न करें.
  • अपने सॉफ्टवेयर को अप-टू डेट रखें.
  • ऐसे ऐप्स जो macOS गेटकीपर सुरक्षा को बायपास करने के लिए कहते हैं उनसे भी सावधान रखें और इन्हें इनस्टॉल न करें.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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