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देश में आएगा 6G, पीएम मोदी ने किया ऐलान, कहा- वर्कफोर्स का हो चुका गठन 

भारत में 5जी नेटवर्क के बाद अब सरकार 6जी (6G) नेटवर्क को लाने की तैयारी कर रही है. पीएम मोदी (PM Modi) ने स्वतंत्रता दिवस 2023 (Independence day 2023) के मौके पर मंगलवार को लाल किले से देश को संबोधित करते हुए ऐलान किया कि देश में 6जी नेटवर्क (6G in India) लाने की तैयारी है और इसके लिए कार्यबल यानी वर्कफोर्स का गठन भी कर लिया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर 5जी नेटवर्क के फैलाव को लेकर प्रशंसा की.  

देश अब क्वांटम कंप्यूटर के लिए तैयार हो रहा

खबर के मुताबिक, पीएम मोदी ने कहा कि इंटरनेट अब हर गांव तक पहुंच रहा है और देश अब क्वांटम कंप्यूटर के लिए तैयार हो रहा है. उन्होंने (PM Narendra Modi) कहा कि आज भारत सबसे तेजी से 5जी टेक्नोलॉजी के प्रसार वाला देश है. इसका अंदाजा ऐसे लगाया जा सकता है कि यह टेक्नोलॉजी आज 700 से ज्यादा जिलों तक जा पहुंचा है. डिजिटल इंडिया की चर्चा करते हुए पीएम ने कहा कि विकसित देश भी डिजिटल इंडिया की सफलता के बारे में जानने को इच्छुक हैं.

कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने की योजना

प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने आज खास मौके पर कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी को आगे बढ़ाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है, जिसके तहत हजारों स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को ड्रोन दिए जाएंगे और उन्हें इसे चलाना भी सिखाया जाएगा. पीटीआई की खबर के मुताबिक, प्रधानमंत्री (PM Modi) ने कहा कि मैं हमारी ग्रामीण महिलाओं में विज्ञान और टेक्नोलॉजी क्षेत्र में आगे बढ़ने की क्षमता देखता हूं. इसलिए, हम कृषि क्षेत्र में टेक्नोलॉजी लाने के लिए एक नई योजना के बारे में सोच रहे हैं.

प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने के लिए भी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले इंटरनेट सेवाएं बहुत महंगी थी लेकिन वर्तमान में इस पर सबसे कम खर्च होता है जिससे हर परिवार की बचत हुई है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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