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YouTube होम पेज के लिए For You नाम से नए सेक्शन पर कर रहा ट्रायल, यूजर्स को मिलेंगे ये फायदे

दुनिया की दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल के वीडियो प्लेटफॉर्म यूट्यूब (YouTube) चैनल होमपेजों पर एक नए For You सेक्शन का ट्रायल कर रहा है. गूगल ने मंगलवार को यूट्यूब टेस्ट फीचर्स एंड एक्सपेरिमेंट्स पेज पर कहा कि हम एक नया ‘फॉर यू’ सेक्शन जोड़कर पर्सनल व्यूअर्स के लिए चैनल होमपेज (YouTube channel homepage) को ज्यादा पर्सनलाइज्ड बनाने के तरीके का ट्रायल शुरू कर रहे हैं, जो उनके द्वारा पहले से देखे गए वीडियो के आधार पर उस चैनल से अलग-अलग कंटेंट के प्रकार के कॉम्बिनेशन की सिफारिश करेगा.

क्रिएटर्स यह कंट्रोल करने में होंगे सक्षम

खबर के मुताबिक, इस टेस्ट के दौरान क्रिएटर्स ऑप्ट-आउट नहीं कर सकते हैं, लेकिन जब कंपनी इसे सभी के लिए लागू करेगी, तो क्रिएटर्स यह कंट्रोल करने में सक्षम होंगे कि उनके चैनलों पर फॉर यू सेक्शन (YouTube For You section) दिखाया जाएगा या नहीं और किस प्रकार की सामग्री दिखाई जाएगी. बीते हफ्ते यूट्यूब ने चैनल पेज लेआउट में सुधार का टेस्ट शुरू किया. आईएएनएस की खबर के मुताबिक, प्लेटफ़ॉर्म ने यह भी घोषणा की कि वह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) ऑटो-जेनरेटेड समरी का टेस्ट कर रहा है.

वीडियो का क्विक समरी पढ़ना होगा आसान

नए For You सेक्शन की सुविधा यूजर्स के लिए किसी वीडियो का क्विक समरी पढ़ना और यह तय करना आसान बना देगी कि यह उनके लिए सही है या नहीं. कंपनी ने नोट किया कि ये समरी उन वीडियो डिटेल को रिप्लेस नहीं करते हैं जो क्रिएटर्स द्वारा लिखे गए हैं. Google के ओनरशिप वाले प्लेटफ़ॉर्म ने शॉर्ट्स, वर्टीकल वीडियो ‘यूट्यूब शॉर्ट्स’ के लिए नए कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट भी पेश किए थे, जिसमें एक कोलैब टूल और क्यू एंड ए स्टिकर शामिल था. यूट्यूब दुनिया की सबसे बेहद पॉपुलर वीडियो प्लेटफॉर्म है जिसका दुनियाभर में करोड़ों में यूजर्स हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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