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बॉलीवुड इंडस्ट्री के पॉपुलर एक्टर अजय देवगन की फिल्मों का फैंस बेसब्री से इंतजार करते हैं। अब अजय देवगन के फैंस के लिए साल 2024 के पहले सप्ताह में खुशखबरी सामने आई है। दरअसल, साल 2018 में रिलीज हुई अजय देवगन की फिल्म ‘रेड’ के सीक्वल ‘रेड 2’ की शूटिंग स्टार्ट हो गई है और इसकी रिलीज डेट भी सामने आ गई है। अजय देवगन की फिल्म ‘रेड’ को काफी ज्यादा पसंद किया गया था और तभी से इसके सीक्वल की मांग हो रही थी। अब फाइनली अजय देवगन के फैंस की इच्छा पूरी हो गई है। आइए जानते हैं कि अजय देवगन की फिल्म ‘रेड 2’ कब रिलीज होगी।

अभिषेक पाठक ने शेयर किया फिल्म ‘रेड 2’ का पोस्टर

प्रोड्यूसर और डायरेक्टर अभिषेक पाठक ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर फिल्म ‘रेड 2’ का पोस्टर शेयर किया है। इस पोस्टर में किसी शख्स के पैर नजर आ रहे हैं और इस पर लिखा है, ‘रेड 2 के लिए अयम पटनायक इज बैक’। अभिषेक पाठक ने इस पोस्ट के कैप्शन में लिखा है, ‘एक और दिलचस्प केस में आईआरएस ऑफिसर अमय पटनायक की वापसी हो रही है। 15 नवंबर, 2024 को रेड 2 के साथ ड्रामा और सस्पेंस के लिए तैयार हो जाइए।’ अभिषेक पाठक की इस पोस्ट के बाद अजय देवगन के फैंस के काफी खुश हो गए हैं। इस तरह से अजय देवगन के फैंस को उनकी फिल्म इसी साल 15 नवंबर को देखने को मिलने वाली है।

अजय देवगन की फिल्म ‘रेड 2’ की यहां होगी शूटिंग

अजय देवगन की फिल्म ‘रेड 2’ की 6 जनवरी यानी शनिवार से शूटिंग शुरू हो रही है। फिल्म की पहले मुंबई में शूटिंग होगी और इसके बाद दिल्ली उत्तर प्रदेश और राजस्थान में फिल्म के अहम सीन शूट किए जाएंगे। अजय देवगन की फिल्म ‘रेड 2’ को राजकुमार गुप्ता डायरेक्ट करने जा रहे हैं। राजकुमार गुप्ता ने ही फिल्म का पहला पार्ट डायरेक्ट किया था। फिल्म ‘रेड 2’ को टी-सीरीज के साथ मिलकर कुमार मंगत पाठक, अभिषेक पाठक प्रोड्यूस कर रहे हैं। बताते चलें कि अजय देवगन की पाइपलाइन में फिल्म ‘रेड 2’ के अलावा ‘सिंघम अगेन’, ‘औरों में कहां दम था’, ‘मैदान’ जैसी कई फिल्में हैं।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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