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बदला-बदला से नजर आएगा आपका पसंदीदा WhatsApp, कलर से लेकर UI तक सब होगा नया

WhatsApp : वॉट्सऐप एंड्रॉयड यूजर्स के लिए जल्द ही अपने इंटरफेस का डिजाइन बदलने जा रहा है. इस बदलाव में WhatsApp के डिजाइन के साथ कलर भी बदल जाएंगे. आपको बता दें अब WhatsApp के लिए ग्रीन कलर पुरानी बात हो जाएगी. साथ ही मेटा WhatsApp के कुछ मेन्यू में भी बदलाव कर सकती है.

WaBetaInfo द्वारा साझा किए गए स्क्रीनशॉट के अनुसार, WhatsApp मैसेजिंग ऐप के यूआई में बदलाव करेगा. इसके अनुसार, नेविगेशन बार जैसे स्टेटस, चैट और अन्य टैब को WhatsApp के नीचे की तरफ जगह दी जाएगी. इसके अलावा WhatsApp ने कम्यूनिटी टैब को एक नई जगह दी है. इसके साथ ही ऐप के ऊपर के हिस्से से ग्रीन कलर को हटाया जाएगा.

क्या ग्रीन कलर हो जाएगा चेंज 

रिपोर्ट के अनुसार, ग्रीन कलर तो वैसा ही रहेगा लेकिन हल्के रंग में. वहीं, एंड्रॉइड ऐप में नीचे की तरफ जो WhatsApp लिखा होता है वो व्हाइट की जगह ग्रीन हो जाएगा. इसके साथ ही मैसेज बटन राइट साइड नीचे की तरफ खिसका दिया जाएगा. इसके अलावा ऊपर की तरफ कुछ फिल्टर बटन्स आ जाएंगे जिनमें ऑल, अनरीड, पर्सनल और बिजनेस शामिल होंगे. इन फिल्टर के जरिए आप मैसेजेज को आसानी से ढूंढ पाएंगे.

जब आप किसी स्पेश फिल्टर का चुनाव करते हैं तो यह ग्रीन हो जाता है. वहीं, WhatsApp ऐप के टॉप पर एक प्रोफाइल आइकन भी जोड़ा गया है. टॉप पर सर्च बार आइकन के साथ-साथ कैमरा आइकन भी रहेगा, जैसा पहले था.

WhatsApp का नया रिडिजाइन एंड्रॉइड बीटा वर्जन 2.23.13.16 के साथ दिया गया है. नए यूआई फीचर अपडेट के तहत मैटेरियल डिजाइन 3 यूआई शामिल है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि WhatsApp में कई अन्य बदलाव भी देखे जा सकते हैं. जब बीटा वर्जन में सभी बदलाव कर दिए जाएंगे और यह सही से टेस्ट हो जाएंगे तो ही इन्हें WhatsApp के स्टेबल वर्जन में रोलआउट किया जाएगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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