टैकनोलजी

72% COD आर्डर 2,000 रुपये के नोट से पे कर रहे कस्टमर…Zomato ने किया ये मजेदार ट्वीट

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 2,000 रुपये के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने का ऐलान किया है और इसे बदलने के लिए लोगों को 30 सितम्बर तक का वक्त दिया है. ये अनाउंसमेंट सुनने के बाद लोग पैनिक करने लगे हैं और घर में रखे 2,000 रुपये के नोट को बदलने के लिए उतावले हो रहे हैं. हर कोई जल्द से जल्द 2,000 रुपये के नोट को बदलना चाहता है. सभी लोग ज्यादा से ज्यादा 2000 रुपये का इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि ये 30 सितम्बर से पहले खत्म हो जाएं.

इस बीच फ़ूड डिलीवरी ऐप जोमाटो ने एक मजेदार ट्वीट किया है. जोमाटो ने ट्वीट कर लिखा कि RBI के अनाउंसमेंट के बाद अब 72% COD आर्डर लोग 2,000 रुपये के नोट से पे कर रहे हैं. यानि लोग खाना आर्डर करने के साथ-साथ इस कमाल की ट्रिक से 2,000 रुपये के नोट को भी एक्सचेंज कर रहे हैं. इसके साथ ही जोमाटो ने एक फनी ट्वीट भी किया है जिसमें कम्पनी ने लिखा कि- 

kids: exchange ₹2000 note at bank
adults: order cash on delivery and give ₹2000 note
legends: never had ₹2000 note

Zomato शुरू करने वाला है खुद का UPI

हाल ही में ये खबर सामने आई थी कि जोमाटो UPI सेवा शुरू कर रहा है जिससे यूजर्स को पेमेंट करने में आसानी होगी. UPI को लॉन्च करने का मकसद
ग्राहकों के लिए ऑनलाइन भुगतान को आसान बनाना है. अभी तक होता ये है कि लोग Google Pay, PayTm और अन्य UPI ऐप्स के माध्यम से जोमाटो आर्डर का भुगतान करते हैं, इसके लिए उन्हें दूसरे ऐप पर स्विच करना पड़ता है. इसी प्रकिया को आसान बनाने के लिए जोमाटो खुद का UPI नेटवर्क ला रहा है ताकि लोग ऐप से ही पेमेंट कर पाएं. 

Zomato UPI के लिए यूजर्स को बैंक डिटेल डालकर नई यूपीआई आईडी बनानी होगी और Zomato ऐप से ही भुगतान करना होगा. फिलहाल Zomato UPI सभी उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध नहीं है और केवल कुछ चुनिंदा लोगों के पास ही ये सुविधा उपलब्ध है. जल्द कंपनी इसे मास लेवल पर रोलआउट कर सकती है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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