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मीका सिंह की तबियत बिगड़ी, गले से नहीं निकल पा रही आवाज, 15 करोड़ का भारी नुकसान हुआ

Mika Singh Throat Infection: बॉलीवुड के सबसे फेमस सिंगर में से एक मीका सिंह ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया कि उन्हें 15 करोड़ रुपये का भारी नुकसान उठाना पड़ा. वह कुछ दिनों पहले तक दुनिया भर में दौरा कर रहे थे और लगातार कॉन्सर्ट में परफॉर्म कर रहे थे, लेकिन उनको इसकी कीमत चुकानी पड़ी क्योंकि इस वजह से उनके स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ा.

Mika Singh की तबियत बिगड़ी

मीका ने खुलासा किया कि उनके लंबे करियर में यह पहली बार था कि उन्हें अपनी हेल्थ के कारण अपने कॉन्सर्ट कैंसिल करने पड़े. मीका ने बताया कि अमेरिका में के बाद उन्हें बाली, मलेशिया, सिंगापुर, थाईलैंड और ऑस्ट्रेलिया में शो करना था. मीका ने बताया कि उन्होंने यूएस में बैक टू बैक शो किए और बीच में उन्हें आराम नहीं मिला, जिससे उनकी सेहत पर असर पड़ा, खासकर उनके गले पर…

 


उन्होंने कहा कि उनका आखिरी शो डलास में था जहां उन्हें सर्दी लग गई और इसका असर उनके गले और आवाज पर पड़ा. जब उन्होंने एक डॉक्टर से सलाह ली, डॉक्टर ने मुझे ट्रैवलिंग से बचने के लिए कहा था, इसलिए मैं भारत भी नहीं आया”. मीका ने बताया कि उनकी पूरी टीम को लगभग 15 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ क्योंकि कई शो कैंसिल करने पड़े.

मीका ने ये भी बताया कि शोज में परफॉर्म न कर पाने की वजह से उन्हें कई लोगों के पैसे लौटाने भी पड़े हैं. उन्होंने कहा, ‘कुछ लोगों ने मुझे बहुत सपोर्ट किया और सीडी व लिप सिंक के जरिए गाना गाने की इजाजत दी.

सिंगर को 15 करोड़ का भारी नुकसान हुआ

फैंस को मीका सिंह ने ये भी साफ किया कि अब उनकी तबीयत पहले से काफी ठीक है. अब वह धीरे-धीरे रिकवर कर रहे हैं. इसी हफ्ते से वह रिकॉर्डिंग वगैरह भी शुरू कर रहे हैं. जल्द ही उनके परफॉर्मेंस बाली, सिंगापुर, मलेशिया, जकार्ता से लेकर कई अन्य देश में होने वाले हैं. 

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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