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Laptop की स्क्रीन-कीबोर्ड पर होते हैं टॉयलेट सीट के बराबर जर्म, ऐसे करें साफ

Laptop Clean Tip :  लैपटॉप आपके साथ ज्यादातर समय साथ रहता है, जब आप कॉफी, लंच और स्नैक्स खाते हैं. तो भी लैपटॉप आपके आसपास ही रहता है. वहीं कई बार आपके सहकर्मी खांसते और छींकते हैं और आपसे हाथ मिलाते हैं. ऐसे में आप बिना हाथ साफ किए ईमेल टाइप करना शुरू कर देते हैं, जिस वजह से आपके लैपटॉप की स्क्रीन और कीबोर्ड पर टॉयलेट सीट के बराबर जर्म जमा हो जाते हैं. अगर आप इन जर्म को साफ करना चाहते हैं. तो यहां लैपटॉप की स्क्रीन-कीबोर्ड को साफ करने के कुछ आसान टिप्स हम बताने जा रहे हैं, जिनको यूज करने पर आपके लैपटॉप को बिलकुल भी नुकसान नहीं होगा.

लैपटॉप की सफाई शुरू करने से पहले माइक्रोफाइबर कपड़े में थोड़ा सा पानी लगाए, इसके बाद सबसे पहले लैपटॉप की स्क्रीन को सफा करें. वहीं स्क्रीन को साफ करते समय बहुत ज्यादा प्रेशर लगाने की जरूरत नहीं है. पानी या सफाई का घोल सीधे अपने कंप्यूटर पर न लगाएं. जहां तक आपके माइक्रोफ़ाइबर तौलिया की बात है, तो बस थोड़ी मात्रा में तरल का उपयोग करें. क्योंकि ये लैपटॉप के भीतर जा सकता है और आपके लैपटॉप के मदरबोर्ड को खराब कर सकता है.

लैपटॉप को साफ करने के लिए आपको कभी भी ब्लीच और अमोनिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. वहीं आप सादा कपड़े से भी अगर लैपटॉप को डेली साफ करते हैं, तो आपका लैपटॉप लंबे समय तक क्लीन रह सकता है. लैपटॉप के कीबोर्ड के अंदर कई बार आपके भोजन के छोटे कण चले जाते हैं. अगर आप डस्ट के साथ इन कण को बाहर निकालना चाहते हैं, तो एयर प्रेशर का यूज करके अपने लैपटॉप के कीबोर्ड को साफ कर सकते हैं.

लैपटॉप की स्क्रीन और कीबोर्ड साफ करने से केवल काम नहीं चल सकता. आपको लैपटॉप के चार्जिंग पोर्ट, USB पोर्ट और ऑडियो पोर्ट को भी समय-समय पर ब्रश के जरिए साफ करते रहना चाहिए.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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