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लंबे ऑडियो नोट को टेक्स्ट में लिखकर देगा टेलीग्राम का ये नया फीचर, आपने ट्राई किया?

Telegram New Features: फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम की तरह टेलीग्राम भी एक पॉपुलर सोशल मीडिया ऐप है. इस ऐप के दुनियाभर में 800 मिलियन से भी जयादा एक्टिव यूजर्स हैं जो एलन मस्क के ट्विटर से भी ज्यादा हैं. समय-समय पर कंपनी ऐप में नए फीचर्स ऐड करती हैं ताकि यूजर एक्सपीरियंस को और बेहतर और रीच बनाया जा सके. इस बीच, कंपनी ने करीब एक दर्जन नए फीचर्स ऐप में जोड़े हैं. अब आपका मैसेजिंग एक्सपीरियंस पहले से और बेहतर होने वाला है.

स्टोरी को कर पाएंगे रिपोस्ट 

टेलीग्राम को ही देखकर मेटा ने अपने प्रोडक्ट्स में चैनल फीचर दिया था. टेलीग्राम चैनल को ज्वाइन करने पर अब आपको सिमिलर चैनल भी दिखाई देंगे. यानि अगर आप पढ़ाई से जुड़ा कोई चैनल जॉइन करते हैं तो आपको इस सब्जेक्ट से जुड़े कई सारे और चैनल्स भी डिस्कवरी फीड में दिखेंगे. इसके अलावा अब यूजर्स स्टोरी को भी रीशेयर कर सकते हैं. हालांकि आप केवल उन स्टोरी को शेयर कर पाएंगे जिन्हें Everyone मार्क किया गया है. यानि जो ओपन हैं.

स्टोरी के साथ जोड़ पाएंगे वीडियो मैसेज 

नए अपडेट के तहत अब यूजर्स स्टोरी पोस्ट करते समय इसमें वीडियो मैसेज भी जोड़ सकते हैं. वीडियो को रिकॉर्ड करने के लिए आपको कैमरा बटन को प्रेस करना है और आप इसे स्क्रीन में कहीं भी एडजस्ट कर सकते हैं. इसके अलावा, प्रोफाइल कलर, चैट वॉलपेपर भी अब आप बदल सकते हैं.

लंबे वॉइसनोट को टेक्स्ट में पढ़ पाएंगे आप 

वॉइस टू टेक्स्ट फीचर जो पहले केवल प्रीमियम यूजर्स के पास था, वो अब फ्री यूजर्स के लिए भी उपलब्ध है. इस फीचर की मदद से आप लम्बे वॉइस नोट को टेक्स्ट के रूप में पढ़ पाएंगे. हालांकि आप केवल 2 वॉइस नोट को एक हफ्ते में टेक्स्ट के रूप में पढ़ पाएंगे. यानि सभी वॉइसनोट पर ये लागू नहीं होगा. कंपनी ने स्टोरी स्टैट, चैनल में कस्टम इमोजी रिएक्शन समेत कई नए फीचर्स लाइव किए हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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