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रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ का मुरीद हुआ ये बॉलीवुड एक्टर, फिल्म को लेकर कर दी ये भविष्यवाणी

Ranbir Kapoor Movie Animal: रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर तूफान बन गई है. बंपर ओपनिंग के बाद फिल्म ने दूसरे भी सिनेमाघरों में भौकाल मचा दिया है.  रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ का क्रेज लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है. फिल्म को देखने के लिए होड़ मची हुई है और सिनेमाघरों में ऑडियंस की भारी भीड़ देखी जा रही है.

रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ के मुरीद हुए कमाल राशिद खान उर्फ केआरके 

हाल ही में सोशल मीडिया पर अभिनेताओं के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामलों में चर्चा में रहने वाले अभिनेता कमाल राशिद खान उर्फ केआरके ने इस फिल्म को लेकर तारीफों के पुल बांध दिए है.

ट्वीट करते हुए केआरके ने लिखा है कि ‘पहले वीकेंड में ये फिल्म एनिमल आज 10% ज्यादा ग्रोथ के साथ चल रही है. इसका मतलब है कि हफ्ते का कारोबार लगभग ₹170 करोड़ और पहले सप्ताह का कारोबार लगभग ₹250 करोड़+ होगा! ब्लॉकबस्टर फिल्म एनिमल’. 

बता दें कि ‘एनिमल’ ने पहले दिन 54.75 करोड़ का कारोबार किया था और इसी के साथ यह रणबीर कपूर के करियर की हाइएस्ट ओपनिंग फिल्म बन गई. दूसरे दिन फिल्म के कलेक्शन में बढ़ोतरी हुई और फिल्म ने 58.37 करोड़ का कलेक्शन किया. वहीं, अब तीसरे दिन ‘एनिमल’ ने संडे को 70 करोड़ रुपए की कमाई कर ली है.

 

रिपोर्ट में बताया गया है कि रणबीर कपूर स्टारर फिल्म अपनी रिलीज के तीसरे बॉक्स ऑफिस पर सुनामी लाने के लिए तैयार है. ‘एनिमल’ ने तीसरे दिन 70 करोड़ रुपए की धुआंधार कमाई कर ली है. इसमें से सिर्फ हिंदी वर्जन का कलेक्शन 62 करोड़ रुपए है. इस तरह फिल्म ने महज तीन दिनों में 200 करोड़ के क्लब में एंट्री लेने के बेहद करीब पहुंच गई है. 

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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