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कितनी संपत्ति के मालिक हैं टीवी के ‘राम’? चुनावी संग्राम की करेंगे तैयारी

Arun Govil Net Worth: अप्रैल में लोकसभा चुनाव 2024 के मतदान शुरू होंगे. इससे पहले बीजेपी ने अपने सभी तरफ के उम्मीदवारों की सूची एक-एक करके जारी की है. पार्टी ने टीवी के पॉपुलर एक्टर अरुण गोविल को मेरठ से उम्मीदवार बनाया है. अरुण गोविल ने धार्मिक सीरियल ‘रामायण’ में भगवान राम का रोल प्ले किया था और उस रोल के लिए उन्हें आज भी लोग याद करते हैं. अरुण गोविल सादगी से भरी जिंदगी जीते हैं लेकिन अब नेता के रूप में उन्हें खुद को साबित करना है.

अरुण गोविल ने  ना सिर्फ टीवी सीरियल में काम किया है बल्कि बॉलीवुड फिल्मों में भी वो नजर आए हैं. राजनीति में आने वाले अरुण गोविल कितनी संपत्ति के मालिक हैं, उनका फैमिली बैकग्राउंड क्या है, चलिए आपको इसकी पूरी जानकारी देते हैं.

अरुण गोविल का फैमिली बैकग्राउंड

12 जनवरी 1958 को यूपी के मेरठ में जन्में अरुण गोविल क्षत्रिय परिवार से बिलॉन्ग करते हैं. इनके पिता श्री चंद्र प्रकाश गोविल सरकारी ऑफिसर थे और वो चाहते थे कि अरुण भी किसी सरकारी विभाग में नौकरी करें.


एक टॉक शो में अरुण गोविल ने बताया था कि वो कुछ ऐसा करना चाहते थे कि लोग उन्हें याद रखें, उन्हें अलग पहचान मिले. अरुण गोविल के 4 भाई और 2 बहने हैं. इनके बड़े भाई विजय गोविल ने एक्ट्रेस और एंकर तबस्सुम के साथ शादी की थी. 

अरुण गोविल ने श्रीलेखा नाम की महिला से शादी की थी. उनसे उन्हें दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी है. अरुण गोविल की बेटी यूएसए में पढ़ाई करती है. वहीं उनके बेटे ने साल 2010 में एक बैंकर से शादी की थी जिनसे उन्हें एक बेटा है.

अरुण गोविल की क्वालिफिकेशन

अरुण गोविल की शुरुआती पढ़ाई मेरठ के एक स्कूल में ही हुई. इसके बाद मेरठ में ही स्थित चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके साथ ही अरुण का झुकाव एक्टिंग में था तो वो कुछ प्लेज में भी पार्टिसिपेट किया रते थे. टीनएज में अरुण गोविल का कुछ समय यूपी के ही दूसरे शहर शाहजहांपुर में बीता है. साल 1975 में अरुण मुंबई आ गए थे, जहां उनके भाई का सैटल्ड बिजनेस था.

अरुण गोविल को ‘रामायण’ से मिली लोकप्रियता

साल 1979 में अरुण गोविल की दो फिल्में ‘सावन को आने दो’ और ‘सांच को आंच नहीं’ आई थी जो सफर रहीं. इसके बाद अरुण गोविल को पता चला कि पॉपुलर फिल्ममेकर रामानंद सागर अपने शो ‘विक्रम बेताल’ के लिए ऑडिशन ले रहे हैं. वो पहुंच गए और लगभग 100 लोगों को पछाड़ते हुए अरुण गोविल को वो रोल मिल गया.

इसके बाद दूरदर्शन पर ये शो आता था और लोगों ने विक्रम के रोल में उन्हें पसंद किया. साल 1985 के आस-पास रामानंद सागर अपने अगले शो ‘रामायण’ के लिए ‘राम’ का रोल प्ले करने के लिए ऑडिशन ले रहे थे. उन्होंने कई राउंड के ऑडिशन लिए लेकिन उन्हें वो चेहरा मिल नहीं पा रहा था.

अरुण गोविल भगवान राम का रोल करना चाहते थे लेकिन रामानंद सागर ने उन्हें साफ मना कर दिया कि वो किसी नए चेहरे को लाना चाहते हैं और अरुण गोविल का पहले से ‘विक्रम बैताल’ शो चल रहा था. हार मानकर अरुण गोविल को ‘श्रीराम’ का रोल मिल गया और साल 1987 में ‘रामायण’ टेलीकास्ट होने लगा. ये शो इतना पॉपुलर रहा जिसके चर्चे आज भी होते हैं. 

अरुण गोविल की बॉलीवुड फिल्में

मुंबई आने के बाद अरुण गोविल अपने भाई के काम में हाथ बंटाते थे लेकिन उनका लक्ष्य कुछ और था. उन्होंने थिएटर ज्वाइन किया और कुछ ड्रामा में काम किया करते थे और इसके बाद उन्होंने डिसाइड कर लिया कि वो एक्टिंग करेंगे. काफी मशक्कत के बाद उन्हें एक फिल्म ‘पहेली’ (1977) मिल गई.

अरुण गोविल को पहला मौका उनकी भाभी तबस्सुम के जरिए ही मिला, ऐसा उन्होंने एक टॉक शो में बताया था. इसके बाद साल 1979 में उनकी दूसरी फिल्म ‘सावन को आने दो’ और ‘सांच को आंच नहीं’ आई. ये दोनों फिल्में सफल हुईं.

Arun Govil Net Worth: कितनी संपत्ति के मालिक हैं टीवी के 'राम'? चुनावी संग्राम की अब करेंगे तैयारी

इसके बाद अरुण गोविल ने ‘लव कुश’, ‘ससुराल’, ‘शिव महिमा’, ‘गंगा धाम’, ‘जुदाई’, ‘जियो तो ऐसे जियो’, ‘राधा और सीता’, ‘मुकाबला’, ‘हुकुस बुकुस’, ‘ओएमजी 2’ और ‘आर्टिकल 370’ जैसी कई फिल्मों में काम किया है.

अरुण गोविल की नेटवर्थ कितनी है?

रामानंद सागर के धार्मिक सीरियल ‘रामायण’ से फेमस होने के बाद अरुण गोविल ने अपनी फीस 25 प्रतिशत बढ़ाई थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण गोविल ने फिल्म ‘ओएमजी 2’ के लिए 50 लाख रुपये फीस ली थी जबकि उनका रोल उसमें कम था. हाल ही में आई फिल्म ‘आर्टिकल 370’ के लिए बताया गया कि अरुण गोविल ने 80 लाख रुपये फीस ली थी.

वहीं रिपोर्ट्स की माने तो अरुण गोविल सालाना 10 से 12 लाख रुपये कमाते हैं. उनकी आमदनी का सोर्स एक्टिंग और विज्ञापन है. अरुण गोविल के पास मुंबई में अपना घर है और हाल ही में उन्होंने एक लग्जरी कार भी खरीदी थी. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अरुण गोविल के पास अभी 38 से 40 करोड़ के आस-पास की प्रॉपर्टी है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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