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WhatsApp पर IOS यूजर्स को अब मिलेगा ये ऑप्शन, फिर और बेहतर आएगा रिजल्ट, आखिर ये है क्या?

 

WhatsApp Update For IOS: दुनियाभर में 2 बिलियन से भी ज्यादा लोग वॉट्सऐप का इस्तेमाल करते हैं. इस ऐप के जरिए आज काम-काज करना काफी आसान हो गया है क्योकि कई चीजें सेकंड्स में इस ऐप के जरिए एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक चले जाती हैं. इस बीच कंपनी ने IOS यूजर्स को ऐप पर एक नया फीचर दिया है. मेटा ने  वॉट्सऐप का अपडेटेड वर्जन  iOS 23.8.78 प्लेस्टोरे पर सबमिट किया है. 

ये है अपडेट

वॉट्सऐप के डेवलपमेंट पर नजर बनाएं रखने वाली वेबसाइट Wabetainfo के मुताबिक, वॉट्सऐप ने IOS यूजर्स को Polls के लिए एक नया ऑप्शन दिया है. नए फीचर के तहत यूजर्स Polls के रिएक्शन को लिमिट कर सकते हैं. यानि मल्टीपल रिस्पॉन्स के ऑप्शन को बंद कर सकते हैं. अभी तक ऐप पर होता ये था कि अगर यूजर कोई Poll क्वेश्चन कहीं डालता था तो इसपर लोग मल्टीपल रिस्पॉन्स यानि एक से ज्यादा जवाब दे पाते थे. लेकिन नए फीचर के आने के बाद केवल एक ही जवाब यूजर्स poll क्वेश्चन में दर्ज कर पाएंगे.

इस फीचर के आने के बाद अब poll क्वेश्चन का रिजल्ट बेहतर आ पाएगा क्योकि अभी तक मल्टीप्ल रिस्पांस के चलते यूजर को सही जवाब नहीं मिल पाता था.

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जल्द मिलेगा ये फीचर

वॉट्सऐप फिलहाल कई नए फीचर्स पर काम कर रहा है जिसमें से एक चैट लॉक फीचर भी है. चैट लॉक फीचर के तहत यूजर्स अपनी चैट्स में लॉक लगा पाएंगे. अगर आप किसी एक चैट को अन्य लोगों से छिपाना चाहते हैं या यूँ कहें किसी को इसे पढ़ने नहीं देना चाहते तो आप नए फीचर के आने के बाद चैट पर लॉक लगा पाएंगे. आप फिंगरप्रिंट, पासवर्ड आदि इसके लिए यूज कर सकते हैं. इसके अलावा जल्द टेबलेट यूजर्स को ‘साइड बाय साइड’ के ऑप्शन को बंद करने का विकल्प मिलेगा. साइड बाय साइड फीचर वॉट्सऐप ने इसी साल टेबलेट यूजर्स के लिए जारी किया था जिसके तहत वो एक समय पर दो काम कर पाते हैं. यानि लेफ्ट साइड पर चैट लिस्ट रहती है और राइड साइड पर चैट विंडो.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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