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चार ब्लॉकबस्टर फिल्में देने वाला धूम का वो एक्टर जिसने सरेआम की थी सुसाइड की बात

Uday Chopra Birthday: ‘मोहब्बतें’ से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले उदय चोपड़ा पिछले लंबे समय से बड़े पर्दे से गायब हैं. यश राज के बेटे होने के बावजूद भी उदय को इंडस्ट्री में वह शौहरत हासिल नहीं हुई. एक्टर को आखिरी बार ‘धूम 3’ में देखा गया था. 

जब सरेआम उदय चोपड़ा ने की थी सुसाइड की बात
वहीं लंबे समय तक काम ना मिल पाने पर उदय चोपड़ा डिप्रेशन में भी जा चुके हैं. इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर कुछ ऐसा लिख दिया था, जिससे पूरे बॉलीवुड में तहलका मच गया था. बता दें कि 5 जनवरी को आदित्य चोपड़ा अपना 51 जन्मदिन मनाएंगे. तो चलिए उनके बर्थडे के मौके पर जानते हैं उनसे जुड़े कुछ अनसुने किस्से…


मच गया था बवाल
उदय चोपड़ा के लाइफ में एक ऐसा दौर आया था जब उन्होंने जिंदगी से हार मान लिया था. कुछ साल पहले धूम एक्टर ने ट्वीट कर सुसाइड करने की बात कही थी. उदय ने अपने ट्वीट में लिखा था कि ‘उन्हें ऐसा लग रहा है कि सुसाइड करना एक अच्छा.’ एक्टर के इस ट्वीट के बाद चारों तरफ हड़कंप मच गया था. फैंस उनके इस ट्वीट से काफी परेशान हो गए थे. 

फिर बाद में दी सफाई
वहीं कुछ देर अपना ये ट्वीट डिलीट करते हुए उदय चोपड़ा ने सफाई दी. उन्होंने एक और ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘मैंने कुछ ट्वीट किए थे जिससे कुछ लोग परेशान हो गए. मैं बिल्कुल ठीक हूं. मैं कुछ ऐसी चीजों से जूझ रहा था जिसे मैं खुद नहीं समझ पा रहा था. आपके प्यार के लिए शुक्रिया.’ वहीं उदय चोपड़ा की लव लाइफ खूब विवादों में रही. नरगिस संग उनका ब्रेकअप खूब चर्चा में रहा. खबरें थीं कि 2 साल तक डेट करने के बाद उदय ने नरगिस से ब्रेकअप कर लिया था, जिसके बाद एक्ट्रेस विदेश वापस चली गई थीं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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