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गदर 2 की कमाई में वीकेंड पर फिर आया उछाल, 17वें दिन की इतनी कमाई

Gadar 2 Box Office Collection Day 17: सनी देओल और अमीषा पटेल स्टारर ‘गदर 2’ की रफ्तार रुकने का नाम नहीं ले रही है. 11 अगस्त को रिलीज हुई इस फिल्म को वीकेंड दर वीकेंड फायदा मिलता नजर आ रहा है. वहीं जहां पिछले कुछ दिनों से फिल्म की कमाई की रफ्तार में कमी आई थी, जिसे देखकर लग रहा था कि रिलीज के इतने दिनों बाद फिल्म की कमाई की रफ्तार धीमी हो सकती है. साथ ही इस शुक्रवार ड्रीम गर्ल 2 भी रिलीज हो चुकी है. ऐसे में भी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त कमाई कर नए रिकॉर्ड बना रही है. अब इस फिल्म के 17वें दिन का कलेक्शन सामने आया है जो चौंकाने वाला है.

वीकेंड पर फिर आया गदर 2 की कमाई में उछाल
तारा सिंह और सकीना की प्रेम कहानी को दुनियाभर में प्यार मिल रहा है. इस बार फिर अपने बेटे के लिए पाकिस्तान जाकर गदर मचाने वाले तारा सिंह ने अपने काम से फैंस को काफी इंप्रेस किया है. यही वजह है कि फिल्म रिलीज के 17 दिन बाद भी बेहतरीन कमाई कर रही है. सैकल्निक की अर्ली ट्रेड रिपोर्ट के अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक इस फिल्म ने इस रविवार 19.1 करोड़ का बिजनेस किया है.जो पिछले पांच दिनों की तुलना में काफी ज्यादा है. शनिवार को फिल्म ने 12.29 करोड़ रुपए की कमाई की थी. अनिल शर्मा के निर्देशन में बनी ये फिल्म अब तक भारत में कुल 457.5 करोड़ का बिजनेस कर चुकी है. अब देखना ये होगा इस फिल्म की कमाई की रफ्तार कहां कम होती है.


लगातार रिलीज हो रही फिल्मों को पछाड़ते हुए आगे बढ़ रही फिल्म
गदर 2 के साथ ओएमजी 2 भी रिलीज हुई थी, लेकिन फिल्म ओएमजी 2 से बहुत आगे निकल गई. हालांकि इसकी बाद घूमर और ड्रीम गर्ल 2 जैसी फिल्में भी रिलीज हुईं. जिसे क्रिटिक्स ने खूब सराहा लेकिन फिर भी ये फिल्म दोनों फिल्मों को पछाड़ते हुए कमाई के नए रिकॉर्ड बना रही है. अब देखना ये होगा गदर 2 की कमाई की रफ्तार कहां जाकर रुकती है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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