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‘फ्री होते ही मुझे कॉल करें…WhatsApp पर चल रहा ये नया स्कैम, खुद को ऐसे रखें सेफ

Call me when you see this message Scam: वॉट्सऐप पर एक नए तरह का स्कैम चल रहा है जिसमें ठग लोगों को US की किसी कंपनी ने जुड़ा बताते हैं और लोगों को झूठी नौकरी का वादा कर उन्हें अपने जाल में फ़सा रहे हैं. स्कैमर्स US का मोबाइल नंबर लोगों को कॉल और एसएमएस करने के लिए यूज कर रहे हैं. ये स्कैमर लोगों को काम से जुड़े महत्वपूर्ण लोग होने का दिखावा करते हैं, जैसे बॉस या सहकर्मी और कभी-कभी बड़ी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारी और इस तरह लोगों को अपने जाल में फ़साते हैं.

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, एक कर्मचारी जो मुख्य शहर में एक बड़ी मीडिया कंपनी में काम करता हैं उन्हें कई फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल प्राप्त हुई.  
स्कैमर कॉल पर खुद को किसी बड़ी कम्पनी का अधिकारी बताता है और व्यक्ति से काम से जुडी बात करने की इजाजत मांगता है. स्कैमर लोगों को मैसेज भी भेज रहे हैं जिसमें लिखा है-‘फ्री होते ही मुझे कॉल करें.. रिपोर्ट में बताया गया है कि फर्जी कॉल अमेरिकी नंबरों से थीं, जिनमें अटलांटा, जॉर्जिया का कोड +1 (404) और शिकागो, इलिनोइस का कोड +1 (773) दिख रहा था.

सेफ रहने के लिए इन सेटिंग्स को कर लें ऑन

बता दें, पिछले महीने भारत में भी कई लोगों को विदेशी नंबरों ने कई कॉल्स और एसएमएस आए थे. इसके बाद वॉट्सऐप ने कार्रवाई करते हुए ऐसे सभी नंबर्स को ब्लॉक करना शुरू किया था. 

फर्जी कॉलर और कंपनी का अधिकारी बतातार स्कैमर लोगों को ट्रिक करते हैं और फिर उनका पैसा और पर्सनल डिटेल्स चुरा लेते हैं. ये सब आपके साथ न हो इसलिए हमेशा सामने वाले व्यक्ति को पहले वेरिफाई करें और तभी कोई डिटेल्स शेयर करें. वॉट्सऐप की तमाम प्राइवेसी सेटिंग जैसे 2FA, साइलेंट कॉल फ्रॉम अननोन नंबर आदि को ऑन करके रखें ताकि आप सेफ रहे.  अगर आपको कभी कोई विदेशी नंबर से कॉल आती है तो उसे न उठाएं और न ही मैसेज का रिप्लाई या लिंक पर क्लिक करें. ऐसे नंबरों को तुरंत रिपोर्ट और ब्लॉक करें.  

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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