बॉलीवुड और मनोरंजन

मोनालिसा की हर अदा पर फिदा हुए फैंस

भोजपुरी इंडस्ट्री से लेकर टीवी तक में अपना जलवा बिखेरने वाली एक्ट्रेस मोनालिसा सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। भोजपुरी की क्वीन मोनालिसा की तस्वीरें और वीडियोज इंटरनेट पर आते ही धड़ल्ले से वायरल हो जाती है। वैसे तो भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा का हर अंदाज निराला है लेकिन देसी लुक्स में वो किसी अप्सरा से कम नहीं लगती हैं। इस बीच भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा ने अपने फैंस को विजुअल ट्रीट दिया है। मोनालिसा की कुछ तस्वीरें सामने आई है, जो कि इंटरनेट वर्ल्ड में आग की तरह फैल रही हैं। मोनालिसा का ये लुक देख फैंस गदगद हो गए हैं।

मोनालिसा ने साड़ी में दिखाया किलर अवतार

भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा ने अपने देसी लुक्स से इंटरनेट पर हलचल बढ़ा दी है। भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट को अपडेट करते हुए कुछ तस्वीरें शेयर की हैं, जिनमें वो किसी अप्सरा से कम नहीं लग रही हैं। सामने आई इन फोटोज में भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा साड़ी लुक बेहद हसीन लग रही हैं। मोनालिसा के इस लुक से लोगों की नजरें नहीं हट रही है। भोजपुरी एक्ट्रेस मोनालिसा की फोटोज पर लोग जमकर प्यार बरसा रहे हैं। यह कहना गलत नहीं होगा कि मोनालिसा हर अदा पर लोग फिदा हो गए हैं। Also Read – होली से पहले रंग में रंगी मोनालिसा, भोजपुरी एक्ट्रेस के देसी लुक ने सोशल मीडिया पर लगाई आग

मोनालिसा ने सोशल मीडिया पर बिखेरा जलवा

बॉलीवुड और टीवी की बाकी एक्ट्रेसेस की तरह ही मोनालिसा भी सोशल मीडिया पर खासा एक्टिव रहती हैं। मोनालिसा अक्सर अपने फैंस के साथ तस्वीरें और वीडियोज शेयर करती रहती हैं। मोनालिसा के हर एक पोस्ट पर लोग प्यार बरसाते हैं। बोल्डनेस के मामले में मोनालिसा बॉलीवुड से लेकर साउथ तक की एक्ट्रेसेस को टक्कर देती हैं। मोनालिसा की अदाएं इतनी ज्यादा कातिलाना है कि हर कोई घायल हो जाता है। भोजपुरी इंडस्ट्री में धमाल मचाने के बाद एक्ट्रेस मोनालिसा ने बिग बॉस समेत कई टीवी शोज में अपना जलवा बिखेरा है। Also Read – मोनालिसा ने फिर दिखाया देसी अवतार, साड़ी में हुस्न परी लगीं भोजपुरी की क्वीन

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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