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शाहरुख खान के स्टाफ की दरियादिली…8 घंटे तक मेकअप रूम में छिपने वाले घायल शख्स की यूं की मदद

Shah Rukh Khan House: बॉलीवुड के किंग शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) के घर में घुसने वाले दो लोगों को लेकर एक नया अपडेट सामने आया है. बताया जा रहा है कि ये दोनों शख्स शाहरुख से मिलना चाहते थे, जो सिक्योरिटी के पकड़े जाने से पहले करीब आठ घंटे तक एक्टर के मेकअप रूम में छुपे रहे थे. शाहरुख का मेकअप रूम उनके घर मन्नत की तीसरी मंजिल पर बना हुआ है.

गुजरात के रहने वाले हैं दोनों शख्श

शाहरुख के घर में घुसने वाले इन दोनों लोगों की पहचान साहिल सलीम खान और राम सराफ कुशवाहा के रूप में हुई है. जो गुजरात के रहने वाले हैं. वहीं पकड़े जाने के बाद इन दोनों को पुलिस के हवाले कर दिया गया है. पुलिस ने एक न्यूज एजेंसी को जानकारी देते हुए बताया कि,  “दोनों आरोपी शाहरुख खान से मिलने के लिए उनके बंगले में घुस गए और करीब आठ घंटे तक उनके मेकअप रूम में एक्टर के आने का इंतजार करते रहे. वो पहले दिन करीब 3 बजे वहां आए थे और अगले दिन सुबह 10:30 बजे उन्हें पकड़ा गया.

एक्टर के स्टाफ ने की घुसपेठियों की मदद

वहीं मन्नत की मैनेजर कोलीन डिसूजा ने अपने बयान में पुलिस को बताया कि, ‘सुरक्षा गार्ड ने उन्हें 2 मार्च को सुबह 11 बजे फोन करके बताया कि दो लोग बंगले में घुस गए हैं. जिन्हें पकड़ लिया गया. इनमें से एक शख्स के गाल पर कुछ चोट भी लगी थी. जिसका कर्मचारियों ने तुरंत इलाज करवा दिया था.’

इन फिल्मों में दिखेंगे शाहरुख

बता दें कि शाहरुख खान ने 25 जनवरी को रिलीज़ हुई फिल्म ‘पठान’ से चार साल बाद बड़े पर्दे पर वापसी की है. इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के कई रिकॉर्ड तोड़ दिए. इन दिनों शाहरुख अपनी आने वाली फिल्मों की शूटिंग में बिजी हैं. ‘जवान’ में वो नयनतारा, विजय सेतुपति, सान्या मल्होत्रा ​​​​और सुनील ग्रोवर के साथ दिखाई देंगे. ये फिल्म 2 जून को रिलीज होगी. वहीं तापसी पन्नू के साथ उनकी दूसरी फिल्म ‘डंकी’ दिसंबर 2023 में रिलीज होने वाली है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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