बॉलीवुड और मनोरंजन

इतने अमीर होकर भी दो कमरों के फ्लैट में क्यों रहते हैं सलमान खान, भाईजान ने बताई ये वजह

Salman Khan Galaxy Apratment: हिंदी सिनेमा के दिग्गज कालाकरों का जब भी जिक्र किया जाए तो उसमें सलमान खान (Salman Khan) का नाम जरूर शामिल होगा. अपनी कमाल की एक्टिंग और दरियादिली के लिए सलमान खान काफी जाने जाते हैं. बॉलीवुड के मेगा सुपरस्टार होने के बावजूद सलमान दो कमरों के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट रहते हैं. ऐसे में हर कोई ये जानता है कि आखिर इतने अमीर होने के बाद भी सलमान अन्य फिल्मी कलाकारों की तरह किसी बंगले या विला में क्यों नहीं रहते हैं, आइए इस बारे में जानते हैं. 

क्यों बंगले में नहीं रहते हैं सलमान खान

लंबे अरसे से सलमान खान मुंबई के ब्रांदा स्थिति दो कमरों के घर गैलेक्सी अपार्टमेंट में रहते हुए आ रहे हैं. इस अपार्टमेंट में सलमान खान अपनी पूरी फैमिली माता पिता, दो भाई और उनके बच्चों के साथ रहते हैं. साल 2019 में सलमान खान ने रजत शर्मा के शो आपकी अदालत में शिरकत की थी. इस दौरान सलमान से ये सवाल पूछा गया कि वह इतने रईस होकर भी वह दो कमरों के गैलेक्सी अपार्टमेंट में क्यों रहते हैं. इस पर सलमान खान ने बताया कि ‘उनके वालीद यानी पिता सलीम खान ज्यादा मूव नहीं करना चाहते हैं.

वो एक कमरे से दो कमरों तक लेफ्ट टर्न और राइट टर्न, एक विंडो और सुबह शाम बालकनी में वक्त बिताना पसंद करते हैं. मुझे भी अपना घर काफी पसंद है और जो चीज मेरी लाइफ में आती हैं, मुझे अच्छी लगती हैं और जिनसे मुझे लगाव, वो मुझे से ज्यादा जल्दी छूटती नहीं हैं, वो बात अलग है कि वो मुझे खुद छोड़ कर चली जाती हैं. रहने के लिए तो अलग रह जाएं लेकिन लगाव ज्यादा है.’ 

‘किसी का भाई किसी की जान’ का धमाल जारी

हाल ही में सलमान खान (Salman Khan) की मोस्ट अवेडेट फिल्म ‘किसी का भाई किसी की जान’ रिलीज हुई है. आलम ये है कि बॉक्स ऑफिस पर ‘किसी का भाई किसी की जान’ (Kisi Ka Bhai Kisi Ki Jaan) धमाकेदार कमाई कर रही है. ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श के मुताबिक रिलीज के 3 दिन में सलमान खान की ‘किसी का भाई किसी की जान’ ने 68.17 करोड़ का कारोबार कर लिया है. 

यह भी पढ़ें- Sarath Babu Health Update: साउथ एक्टर सरथ बाबू की हालत गंभीर, हैदराबाद के अस्पताल में हैं भर्ती

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button