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‘रामायण’ फिल्म को लेकर पक्की खबर! रणबीर कपूर बनेंगे राम, तो सीता के रोल में दिखेंगी साई पल्लवी

Ranbir Kapoor-Sai Pallavi In Ramayana: नितेश तिवारी का ड्रीम फिल्म ‘रामायण’ बनाने का सपना बहुत जल्द पूरा होने वाला है. फिल्म के लिए लीड कैरेक्टर्स यानी भगवान राम और माता सीता की कास्टिंग पूरी हो चुकी है. ओडिशा टीवी में छपी एक खबर के मुताबिक बॉलीवुड एक्टर रणबीर कपूर फिल्म में भगवान राम का रोल निभाएंगे, वहीं साउथ एक्ट्रेस साई पल्लवी माता सीता का किरदार निभाने वाली हैं.

बता दें कि पहले आलिया भट्ट के माता सीता का रोल निभाए जाने की चर्चा थी लेकिन डेट इशूज के चलते आलिया फिल्म से बाहर हो गई थीं. अब मेकर्स ने साई पल्लवी को कास्ट कर लिया है. मेकर्स ने ‘रामायण’ के लिए रावण के लिए भी एक्टर चुन लिया है और रिपोर्ट के मुताबिक साउथ के सुपरस्टार यश फिल्म में रावण के रोल में नजर आएंगे.

दो पार्ट्स में बनेगी ‘रामायण’
नितेश तिवारी अपनी ड्रीम फिल्म ‘रामायण’ को दो पार्ट्स में बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं. जहां पहले पार्ट में रणबीर कपूर और साईं पल्लवी पर सारा फोकस होगा तो वहीं दूसरे हिस्से में रावण के तौर पर यश का बड़ा रोल देखने को मिलेगी. रिपोर्ट्स में कहा गया है कि रणबीर कपूर और साई पल्लवी साल 2024 की शुरुआत में ‘रामायण’ भाग 1 की शूटिंग शुरू कर देंगे. वहीं यश अगले साल जुलाई से अपनी शूटिंग शुरू करेंगे.

लोगों ने दी ‘रामायण’ न बनाने की सलाह
बता दें कि हाल ही में ‘रामायण’ पर बेस्ड फिल्म ‘आदिपुरुष’ सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी जिसमें प्रभास और कृति सेनन ने लीड किरदार अदा किए थे. हालांकि लोगों को ये फिल्म पसंद नहीं आई और ये काफी विवादों में घिर गई. ऐसे में कई लोगों ने नितेश तिवारी को ‘रामायण’ न बनाने की सलाह दी. हालांकि फिल्म मेकर अपने फैसले पर अड़े रहे और बहुत जल्द फिल्म की शूटिंग शुरू करने वाले हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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