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27 अक्टूबर से शुरू होगा इंडियन मोबाइल कांग्रेस इवेंट, पीएम मोदी करेंगे उद्घाटन, डिटेल जानिए 

Pm Modi to inaugurate India Mobile Congress 2023: इंडियन मोबाइल कांग्रेस का 7वां एडिशन कल से दिल्ली के प्रगति मैदान में शुरू होने वाला है. इवेंट का उद्घाटन पीएम मोदी करेंगे. 3 दिन तक चलने वाले इस इवेंट को दूरसंचार विभाग (DoT) और सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) द्वारा संयुक्त रूप आयोजित किया जा रहा है. इस विषय में डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन ने एक एक्स पोस्ट भी शेयर की है जिसमें लिखा कि माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी 27 अक्टूबर 2023 को प्रगति मैदान, नई दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस 2023 का उद्घाटन करने के लिए तैयार हैं.

1 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद 

इस इवेंट में 1 लाख से ज्यादा लोगों के शामिल होने की उम्मीद है. साथ ही इसमें 31 देशों के 1300 प्रतिनिधि, 400 स्पीकर, 225 से ज्यादा एक्जीबिटर्स और 400 स्टार्टअप शामिल होंगे. इंडियन मोबाइल कांग्रेस के 7वें एडिशन में एस्पायर प्रोग्राम की भी शुरुआत की जाएगी जो टेलीकॉम और डिजिटल डोमेन के यंग एंटरप्रेन्योर को खुद का व्यसाय मजबूत करने में मदद करेगा. संचार और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जुलाई में IMC 2023 के कर्टेन रेज़र में कहा था कि अब PLI योजना के तहत दूरसंचार मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने और भारत को एक टेक्नोलॉजी महाशक्ति के रूप में स्थापित करने का समय आ गया है. 

इन टॉपिक पर होगा फोकस 

इंडियन मोबाइल कांग्रेस 2023 में 5G, 6G, ब्रॉडकास्टिंग, सेमीकंडक्टर, ड्रोन डिवाइस और ग्रीन टेक्नोलॉजी सहित कई नई टेक्नोलॉजी पर बात की जाएगी. इससे पिछले साल आयोजित हुए IMC 2022 में भारत पांचवें जनरेशन के नेटवर्क में शामिल हो गया था और जियो और एयरटेल ने देश में 5G नेटवर्क लॉन्च किया था. फिलहाल दोनों ऑपरेटर देश के अधिकांश हिस्से को इस हाईस्पीड 5G नेटवर्क के तहत कवर कर चुके हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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