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ChatGPT से भी खतरनाक है GPT-4, तस्वीर भी करता है हैंडल

ChatGPT 4 Launch : ओपन एआई के चैटजीपीटी ने पूरी दुनिया में तहलका मचाया ही हुआ था कि अब कंपनी ने एक और नया चैटबॉट पेश कर दिया है. नया लॉन्च हुआ चैटबॉट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेस्ड चैटबॉट ChatGPT का ही नया वर्जन है. Open AI का कहना है कि इसमें यूजर्स को पहले से ज्यादा बेहतर कंटेंट क्वालिटी और फैक्टुअल डिटेल मिलेगी. इस चैटबॉट का नाम ChatGPT 4 है. ChatGPT सभी के लिए अवेलेबल है, लेकिन ChatGPT 4 को फिलहाल चुनिंदा यूजर्स के लिए पेश किया गया है. आइए खबर ChatGPT 4 की सभी डिटेल जानते हैं. 

2022 में लॉन्च हुआ ChatGPT 

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर काम करने वाली कंपनी Open AI ने नवंबर 2022 में ChatGPT को लॉन्च किया था. जैसे ही इस चैटबॉट के बारे में लोगों को पता चला तो इसका तेज़ी से इस्तेमाल किया जाने लगा. ChatGPT के आने के बाद एआई की चर्चा हर तरफ होने लगी. 

ChatGPT का नया वर्जन

Open AI ने अब ChatGPT का नया वर्जन लॉन्च किया है. जिसे ChatGPT के कंपारिसन में बेहतर और अधिक सटीक बताया जा रहा है. Open AI का कहना है कि GPT-4 से बेहतर लैंग्वेज मॉड्यूल तैयार किया जा सकता है. ChatGPT-4 क्रिएटिव और टेक्निकल राइटिंग टास्क को जनरेट और एडिट कर सकता है. इस चैटबॉट की सबसे खास बात यह है कि यह टेक्स्ट के साथ तस्वीरों को भी हैंडल कर सकता है. 

GPT-4 ने पास किए ये एग्जाम

OpenAI ने उन एग्जाम की लिस्ट भी रोलआउट की है जिन्हें GPT-4 ने पास कर लिया है. कंपनी ने स्कोर को भी शेयर किया है. GPT-4 ने LSAT में 88%, SAT मैथ में 89% स्कोर, GRE क्वांटिटेटिव में 80 प्रतिशत, GRE वर्बल में 99% और राइटिंग में 54 फीसदी स्कोर अपने नाम किया है. 

क्या GPT-4 फ्री है?

ChatGPT की तरह ही ChatGPT 4 को भी एक्सेस किया जा सकता है. इसके लिए आपको ओपन एआई की वेबसाइट पर ही जाना है. हालांकि, इसे एक्सेस करने के लिए आपके पास ChatGPT Plus मेंबरशिप होनी चाहिए. इस मेंबरशिप के लिए हर महीने 20 डॉलर की फीस ली जा रही है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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