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27 साल बाद इंडिया में होने जा रहा है मिस वर्ल्ड कॉम्पटीशन, 130 देश की कंटेस्टेंट होंगी शामिल

Miss World 2023 In India: मिस वर्ल्ड 2023 ब्यूटी पेजेंट इवेंट का आयोजन इस बार इंडिया में होने वाला है. इंडिया में ये आयोजन 27 साल के लंबे अंतराल के बाद हो रहा है. इसकी जानकारी हाल ही में मिस वर्ल्ड ऑर्गनाइजेशन की चेयरपर्सन और सीईओ मिस जूलिया मॉर्ले ने दी है.

जूलिया मॉर्ले ने दी जानकारी

इस इवेंट की जानकारी देते हुए जूलिया मॉर्ले ने बताया कि मुझे ये अनाउंस करते हुए बहुत खुशी हो रही हूं कि 71वां मिस वर्ल्ड का फिनाले इस बार इंडिया में होने जा रहा है. इंडिया से मेरा हमेशा से खास लगाव रहा है. 30 साल पहल जब में यहां आई थी तभी भारत में मेरे दिल में बस गया था. वहीं साल 2022 में मिस वर्ल्ड की विनर रही कैरोलीना बिएलावस्का (Karolina Bielawska) ने इस बात पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि ‘भारत खुली बाहों से इस इवेंट का वेलकम करने के लिए तैयार है.’


130 देशों की कंटेस्टेंट होंगी शामिल
बता दें कि इस इवेंट में 130 से ज्यादा देशों की कंटेस्टेंट शामिल होंगी. जो इसमें होने वाले कई पड़ावों से गुजरेंगी. जिसमें टैलेंट और स्पोर्ट्स की चुनौतियां होंगी. वहीं इवेंट का फाइनल राउंड इसी साल के आखिर में नवंबर या दिसंबर में किया जाएगा. मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट 27 साल के बाद फिर से इंडिया में होने जा रहा है. इससे पहले ये इवेंट साल 1996 में भारत में आयोजित किया गया था.

ये भारतीय जीत चुकी हैं मिस वर्ल्ड का ताज
इंडिया में अभी तक इस इवेंट को रीता फारिया, बॉलीवुड एक्ट्रेस ऐश्वर्या राय बच्चन, डायना हेडन, युक्ता मुखी, प्रियंका चोपड़ा और साल 2017 में मानुषी छिल्लर ने जीता है. बताते चलें कि मिस वर्ल्ड 2022 करोलिना बिलावस्का ने बीते दिन गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत से मुलाकात की थी. इस मीटिंग में मिस वर्ल्ड ब्यूटी पेजेंट की मेजबानी को लेकर भी चर्चा हुई थी.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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