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‘लोग मुझे सीरियसली लेना शुरू करें…’, जेमी लीवर ने क्यों कहा ऐसा?

Comedian Jamie Lever: बॉलीवुड के दिग्गज कॉमेडियन जॉनी लीवर को भला कौन नहीं जानता होगा. जॉनी की कॉमेडी का हर कोई दीवाना है. जॉनी लीवर के दो बच्चे हैं एक बेटा और एक बेटी. बेटी का नाम जेमी लीवर है तो बेटे का नाम जैसी लीवर है. जॉनी की बेटी ने भी उनके नक्शेकदम पर चलकर अपना सफर कॉमेडी में शुरु किया था.  

‘लोग मुझे सीरियसली लेना शुरू करें…’

जेमी ने कई स्टेज शो में स्टैंडअप कॉमेडी भी की, जिसके लोग कायल हो गए. इसके बाद उन्होंने ‘कॉमेडी सर्कस के महाबली’ रियलिटी शो में भी अपना हुनर दिखाया. हाल ही में जेमी लीवर ने खुलासा किया कि वह एक कॉमेडियन होने की अपनी छवि से आगे बढ़ने और खुद को एक एक्टर के रूप में स्थापित करने की कोशिश क्यों कर रही हैं.


आगे जेमी लीवर ने बताया कि ‘वह अपनी कॉमेडियन की इमेज से आगे बढ़कर खुद को एक एक्टर के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रही हैं. जेमी ने कहा, कॉमेडी कलाकार होते हैं और अब समय आ गया है कि लोग उन्हें सीरियसली लेना शुरू करें.’

‘केवल कॉमेडी नहीं करना चाहती’

जेमी ने कहा कि, ‘वह खुद को एक्ट्रेस के रूप में अपने करियर में आगे बढ़ते हुए मिशन पर हैं. उन्होंने हाल ही में एक्शन ड्रामा फिल्म क्रैक में दिखीं और जल्द ही जेमी फिल्म ‘आ ओकाट्टी अडक्कू’ के साथ अपना तेलुगु डेब्यू करेंगी.’

जेमी ने इस बात पर जोर दिया कि वह केवल कॉमेडी नहीं करना चाहती हैं.’ बता दें कि जेमी लीवर की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई मुंबई में हुई. इसके बाद वह लंदन चली गईं, जहां उन्होंने वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से मार्केटिंग कम्युनिकेशन में मास्टर्स किया.

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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