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केआरके को एयरपोर्ट से मुंबई पुलिस ने किया गिरफ्तार, कहा- ‘अगर मैं मर जाऊं तो…’

बॉलीवुड एक्टर और खुद को फिल्म क्रिटिक बताने वाले कमाल राशिद खान ऊर्फ केआरके अपने बयानों को लेकर अक्सर चर्चा में रहते हैं। केआरके आए दिन अपने ट्विटर हैंडल से विवादित ट्वीट करते रहते हैं और इसको लेकर उन्हें कई बार मुसीबत का सामना करना पड़ा है। हालाकिं, केआरके के बयानों का सिलसिला नहीं रूका। अब केआरके को लेकर एक बड़ी खबर आ रही है। दरअसल, केआरके को मुंबई पुलिस ने एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया है। केआरके ने इस बात की जानकारी खुद अपने ट्विटर हैंडल पर दी है। आइए जानते हैं कि केआरके अपने ट्वीट में क्या लिखा।

कमाल आर खान ने किया ट्वीट

कमाल राशिद खान ऊर्फ केआरके अक्सर अपने ट्वीट से अपने ट्वीट से ध्यान खींचते हैं। केआरके का लेटेस्ट ट्वीट सुर्खियों में आ गया है। केआरके ने ट्वीट कर लिखा है, मैं 1 साल से मुंबई में हूं और डेट पर रेगुलर कोर्ट जाता हूं। आज मैं नए साल के लिए दुबई जा रहा था लेकिन मुंबई पुलिस ने मुझे एयरपोर्ट से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक, मैं 2016 के केस में वॉन्टेंड हूं। सलमान खान कह रहे हैं कि फिल्म टाइगर 3 मेरी वजर से फ्लॉप हुई है। अगर किसी परिस्थिति में मैं पुलिस स्टेशन या जेल में मर जाऊं तो आपको पता होना चाहिए ये मर्डर है। सभी जानते हैं कि कौन जिम्मेदार हैं। केआरके ने अपने इस ट्वीट के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और न्यूज चैनल्स को टैग किया है। Also Read – बॉलीवुड इंडस्ट्री की धज्जियां उड़ाने से नहीं चूकते कंगना रनौत समेत ये 9 लोग, एक तो दिन-रात देता है गाली

केआरके फिल्म में कर चुके हैं काम

केआरके अक्सर बॉलीवुड स्टार्स और उनकी फिल्मों पर निशाना साधते रहते हैं। केआरके को ट्वीट करते हैं और लाइमलाइट में आ जाते हैं और कई बार वह ट्वीट को लेकर बुरी तरह फंस चुके हैं। बताते चलें कि केआरके ने कुछ फिल्मों में किया किया है, हालांकि उनका करियर कुछ खास नहीं रहा है। केआरके रियलिटी शो ‘बिग बॉस’ का भी हिस्सा रह चुके हैं। Also Read – Kangana Ranaut साल 2024 में करेंगी शादी! इस एक्टर ने ट्वीट कर किया दावा

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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