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Elon Musk का ट्विटर पर नया रिकॉर्ड, 38 वर्ड के इस ट्वीट पर आए 408 मिलियन से ज्यादा व्यूज

Elon Musk Read Limit Tweet: एलन मस्क ने ट्विटर यूजर्स के लिए रीड लिमिट तय की है. लिमिट पार करने के बाद आप ट्विटर का कंटेंट नहीं देख पाएंगे. मस्क से कल देर शाम एक ट्वीट कर बताया कि पेड यूजर्स यानि ब्लू टिक वाले लोग एकदिन में 10,000 पोस्ट पढ़ पाएंगे. इसी तरह अनवेरिफाइड यूजर्स 1,000 पोस्ट और न्यूली एड लोग 500 पोस्ट एकदिन में देख सकते हैं. शुरुआत में रीड लिमिट को लेकर मस्क ने 38 शब्दों का एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने एक के बाद एक लेटेस्ट अपडेट जोड़ें और अंत में 10,000 पोस्ट वाला ट्वीट किया.

इस ट्वीट ने बनाया रिकॉर्ड 

दरअसल, मस्क के 38 शब्द वाले इस ट्वीट ने एक नया रिकॉर्ड बनाया है और लगातार इसके व्यूज बढ़ रहे हैं. खबर लिखे जाने तक इस ट्वीट को 408 मिलियन से ज्यादा लोग देख चुके हैं. यानि 40.8 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मस्क का ये ट्वीट देखा है. ये ट्विटर का एकलौता ऐसा ट्वीट है जसे इतनी बड़ी संख्या में देखा गया है.

व्यूज देख मस्क भी हुए खुश 

अपने ट्वीट पर रिकॉर्ड व्यूज देख मस्क भी खुश हुए और उन्होंने इस विषय में एक ट्वीट किया. मस्क के इस ट्वीट पर यूजर्स तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं. एक यूजर ने लिखा कि क्या ये ट्वीट 1 बिलियन का ट्रैफिक पार करेगा? बता दें, मस्क ट्विटर के मालिक होने के अलावा एकमात्र ऐसे व्यक्ति हैं जिन्हें प्लेटफार्म पर सबसे ज्यादा लोग फॉलो करते हैं. उन्हें 146 मिलियन से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं जबकि वे खुद 341 लोगों को फॉलो करते हैं.  

यह भी पढ़ें: Twitter पर रीड लिमिट लगाते ही Ex-CEO के कंपनी की हुई मौज, Bluesky पर आया इतना ट्रैफिक की ठप हो गया सबकुछ 

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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