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आ गई Google I/O 2023 की डेट, एंड्रॉयड 14 और पिक्सल 7A से अलग इतना कुछ होगा खास

Google I/O 2023 : गूगल ने अपने अपकमिंग डेवलपर्स कांफ्रेंस Google I/O 2023 की डेट अनाउंस कर दी है. गूगल ने बताया है कि Google I/O 2023 को 10 मई को माउंटेन व्यू केलिफॉर्निया शोरलाइन एम्पीथिएटर में ऑर्गेनाइज किया जाएगा. पिछली बार की तरह इस बार भी गूगल के डेवलपर्स कांफ्रेंस में लिमिटेड इन-पर्सन ऑडियंस ही होगी. हालांकि, दुनियाभर भर के लोग इवेंट को ऑनलाइन देख सकेंगे, क्योंकि गूगल के YouTube चैनल पर इवेंट वर्ल्ड वाइड लाइव स्ट्रीम किया जाएगा. आइए जानते हैं कि इस इवेंट में क्या कुछ खास होने वाला है…

I/O का मतलब क्या है? 

गूगल के इस इवेंट का नाम Google I/O 2023 है. अगर आपको भी यह नाम थोड़ा अटपटा लग रहा है और I/O की फुल फॉर्म के बारे में सोच रहे हैं तो बता दें कि  I/O में I का मतलब इनपुट (Input) और O का मतलब आउटपुट (Output) है.

Google I/O 2023 के लिए प्री-रजिस्ट्रेशन 

गूगल ने Google I/O 2023 इवेंट के लिए फ्री रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है. जो यूजर्स इवेंट के लिए रजिस्ट्रेशन करते हैं, उन्हें ई-मेल के जरिए इवेंट की अपडेट समय-समय पर मिलती रहेंगी. पिछले साल के बारे में बताया जाए तो  पिछले साल Google I/O के लिए गूगल ने टिकट बेचे थे. हालांकि, इस साल इवेंट का रजिस्ट्रेशन कराने वाले यूजर्स को फ्री में डिजिटल एक्सपीरियंस मिलेगा.

Google I/O 2023 में क्या लॉन्च होगा? 

Google I/O 2023 में इस साल कंपनी Android 14 लॉन्च करेगी, जिसके कई फीचर्स पहले ही सामने चुके हैं. इसके अलावा, इवेंट में Google Pixel 7a भी लॉन्च किया जा सकता है. फोन के बारे में भी कई जानकारियां पहले ही सामने आ चुकी हैं. लीक्स के मुताबिक, Google Pixel 7a में 6.1 इंच की AMOLED डिस्प्ले मिल सकती है, जिसका रिफ्रेश रेट 90Hz होगा. गूगल का यह फोन भी Google Tensor 2 चिपसेट के साथ आ सकता है. इवेंट में Pixel Fold भी पेश किए जाने की उम्मीद है. इसके साथ ही, Pixel Tablet और Pixel 8 Series के बारे में भी जानकारी रिवील की जा सकती है. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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