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बैटरी और मेमोरी की दिक्कत अब नहीं होगी, Google Chrome में आए 2 नए फीचर्स, आप भी जरूर पढ़ें

Google Chrome Latest update:अगर आप गूगल क्रोम का इस्तेमाल दफ्तर या अपने स्कूल के काम के लिए करते हैं तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, गूगल क्रोम में दो नए फीचर आए हैं जो आपकी बैटरी और मेमोरी को बचाएंगे. गूगल ने क्रोम में एनर्जी और मेमोरी सेवर मोड का फीचर ऐड किया है. ये अपडेट विंडो, मेक, क्रोम OS और linux के लिए जारी किया गया है. जानिए इस नए अपडेट के बारे में.

क्या है गूगल क्रोम का एनर्जी और मेमोरी सेवर मोड

गूगल क्रोम के दो नए फीचर्स आपको परफॉर्मेंस टैब के अंदर दिखेंगे. गूगल क्रोम का मेमोरी सेवर फीचर इनएक्टिव टैब्स की जानकारी मेमोरी से हटा देता है और केवल उन्हीं टैब की जानकारी मेमोरी में रखता है जिन पर आप काम कर रहे होते हैं. इस तरह सिस्टम की मेमोरी बचती है और आप काम फास्ट कर पाते हैं. जब यूजर इन एक्टिव टैब्स पर दोबारा जाता है तो वापस ये मेमोरी में सेव हो जाते हैं. नया फीचर यूजर को ये सुविधा भी देता है कि वो मैनुअली उन वेबसाइट को ऐड कर सकते हैं जहां उन्हें मेमोरी सेवर हमेशा एक्टिव चाहिए. 

परफॉर्मेंस टैब के अंदर ही आपको एनर्जी सेवर फीचर भी मिलेगा. जैसे ही इस फीचर को आप ऑन करेंगे तो ये बैटरी की खपत को कम कर देगा. दरअसल, इस फीचर को ऑन करते ही बैकग्राउंड एक्टिविटी, एनिमेशन और वीडियो फ्रेम रेट और स्मूथ स्क्रोलिंग आदि बंद हो जाती है जिससे बैटरी की खपत कम हो जाती है. बैटरी सेवर फीचर को आप दो तरह से ऑन कर सकते हैं. पहला जब सिस्टम की बैटरी 20% तक कम हो जाएगी और दूसरा जब आपका सिस्टम चार्ज ना हो रहा हो. यानी इन दोनों में से किसी एक विकल्प को चुनने के बाद ऑटोमेटेकली क्रोम एनर्जी सेवर मोड ऑन कर लेगा. 

गूगल क्रोम का यह लेटेस्ट अपडेट क्रोम V110 पर आया है. हालांकि अभी भी नया अपडेट कुछ यूजर्स को नहीं दिख रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि कंपनी इसे फेज मैंनर में रोलआउट कर रही है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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