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तमन्ना भाटिया को लेकर अपनी चाहत का क्या विजय वर्मा ने किया इजहार, लेटेस्ट पोस्ट ने दिया इशारा

Vijay Varma Hosted Ask Me Anything Session: विजय वर्मा (Vijay Varma) और तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) एक दूसरे को डेट कर रहे हैं, पिछले कुछ समय से लगातार ये खबरें सुर्खियों में बनी हुई हैं. उनके रिश्ते के बारे में अफवाहें जनवरी में सामने आईं, जब दोनों को कथित तौर पर गोवा में नए साल की एक पार्टी में एक-दूसरे को किस करते हुए देखा गया था. सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ और फैंस को यकीन हो गया कि इस वीडियो में तमन्ना और विजय ही साथ हैं. हाल ही में, विजय वर्मा ने इंस्टाग्राम पर ‘आस्क मी एनीथिंग’ सेशन की मेजबानी की. इस दौरान एक फैन ने उनसे पूछा कि क्या उन्हें टमाटर पसंद है. इस पर जानें विजय ने क्या जवाब दिया.

क्या तमन्ना भाटिया को लेकर विजय ने दिया ऐसा जवाब

इंस्टाग्राम पर फैंस के साथ सवाल-जवाब के इस सेशन के दौरान विजय वर्मा के फैन ने उनसे पूछा, ‘आपको टमाटर पसंद है?’ इसके जवाब में उन्होंने टमाटर वाले इमोजी के साथ लिखा, ‘माई फेवरेट.’ विजय, तमन्ना को प्यार से इसी नाम से बुलाते हैं. अभिनेता ने सीधे तौर पर तमन्ना का नाम नहीं लिया. लेकिन फैंस को तो इस बात का इशारा मिल गया कि तमन्ना के लिए विजय क्या फीलिंग रखते हैं. 

तमन्ना और विजय के अफेयर की जोर शोर से हो रही चर्चा

बता दें, विजय वर्मा और सोनाक्षी सिन्हा स्टारर ‘दहाद’ बर्लिन में प्रीमियर करने वाली भारत की पहली वेब सीरीज बन गई है. इस सफलता के लिए तमन्ना भाटिया ने ‘दहाद’ की टीम को बधाई दी. अपने जवाब में, विजय वर्मा ने तमन्ना को एक प्यारे नाम के साथ पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, ‘थैंक्स टमाटर.’

आपको बता दें, विजय वर्मा (Vijay Varma) और तमन्ना भाटिया (Tamannaah Bhatia) को दिसंबर 2022 में दिलजीत दोसांझ के कॉन्सर्ट में एकसाथ देखा गया था. ऐसी खबरें सामने आई थीं कि सुजॉय घोष अपनी अगली फिल्म में विजय वर्मा के साथ तमन्ना भाटिया की जोड़ी बनाने की तैयारी कर रहे हैं, हालांकि इस पर उनका कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट नहीं आया. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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