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iPhone 15: ऑर्डर करेंगे और 10 मिनट में ही घर पहुंच जाएगा नया आईफोन, यहां मिल रही शानदार फैसलिटी

iPhone 15 in 10 Minutes: ग्रॉसरी और होम आइटम्स, खाने-पीने के प्रोडक्ट्स की क्विक डिलीवरी करने वाला ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ब्लिंकिट आईफोन 15 और आईफोन 15 प्लस का ऑर्डर मिलने के 10 मिनट के अंदर ही उसे ग्राहक तक पहुंचा देगा. कंपनी ने कहा कि यह फैसिलिटी राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) दिल्ली, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में दी जाएगी. ब्लिंकिट ने इसके लिए एप्पल प्रीमियम रीसेलर यूनिकॉर्न के साथ साझेदारी की है.

ब्लिंकिट ऑर्डर मिलने के 10 मिनट के भीतर पहुंचाएगा नया आईफोन

ब्लिंकिट के को-फाउंडर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (सीईओ) अलबिंदर ढींढसा ने बयान में कहा, “हम आईफोन 15 की कुछ ही मिनटों में सप्लाई करने के लिए यूनिकॉर्न एपीआर के साथ साझेदारी कर रोमांचित हैं. हमें यकीन है कि इससे हमारे कस्टमर्स को बेहद खुशी होगी, जो बहुप्रतीक्षित उत्पादों को फौरन ही अपने दरवाजे पर पहुंचाने की सुविधा की सराहना करेंगे”

ब्लिंकिट के CEO अलबिंदर ढींढसा ने किए कई पोस्ट

अलबिंदर ढींढसा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि ब्लिंकिट 10 मिनट के अंदर ही कस्टमर्स तक आईफोन पहुंचा सकता है. उन्होंने कहा, “एप्पल आईफोन 15 और आईफोन 15 प्लस अब दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पुणे और बेंगलुरु में ब्लिंकिट प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं”

आज से ही भारत में शुरू हुई आईफोन 15 के नए मॉडल्स की सेल्स

एप्पल ने शुक्रवार से एप्पल आईफोन के इन नए मॉडलों की बिक्री शुरू कर दी. इनकी कीमत 79,900 रुपये से 1,99,900 रुपये तक है. ब्लिंकिट ने पिछले साल भी एप्पल आईफोन 14 और आईफोन 14 प्रो के लिए यूनिकॉर्न एपीआर के साथ साझेदारी की थी.

एप्पल ने iPhone 15 सीरीज के तहत 4 मॉडल लॉन्च किए हैं जिसमें iPhone 15, 15 plus, 15 Pro और 15 Pro Max शामिल है.

 iPhone 15 की कीमत जानें

– 128GB: 79,900 रुपये
– 256GB: 89,900 रुपये
– 512GB: 1,09,900 रुपये

iPhone 15 Plus की कीमत जानें

– 128GB: 89,900 रुपये
– 256GB: 99,900 रुपये
– 512GB: 1,19,900 रुपये

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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