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मुनव्वर फारूकी अस्पताल में हुए भर्ती, परेशान हुए फैंस

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के शो बिग बॉस 17 को अपने नाम करने वाले मुनव्वर फारूकी आए दिन किसी न किसी वजह से चर्चा में बने रहते हैं। इस बीच मुनव्वर फारूकी की हेल्थ को लेकर एक खबर सामने आई है, जिससे जानने के बाद उनके फैंस को तगड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि मुनव्वर फारूकी अस्पताल में भर्ती हो गए हैं। कुछ दिनों पहले भी ये खबर सामने आई थी कि मुनव्वर फारूकी एडमिट हो गए है। उस दौरान मुनव्वर फारूकी ने अपनी एक फोटो भी शेयर की थी। अब एक बार फिर से मुनव्वर फारूकी की एक तस्वीर वायरल हो रही है।

दूसरी बार अस्पताल में भर्ती हुए मुनव्वर फारूकी

टीवी न्यूज में छाए रहने वाले मुनव्वर फारूकी की तबीयत काफी दिनों से खराब चल रही है। इस वजह से वो सोशल मीडिया पर भी एक्टिव नहीं है। अब मुनव्वर फारूकी एक बार फिर से अस्पताल में भर्ती हो गए है। मुनव्वर फारूकी की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें वो हॉस्पिटल के बेड पर आराम करते नजर आ रही है। मुनव्वर की ये फोटो उनके दोस्त ने शेयर की है। उन्होंने लिखा, मेरे भाई के जल्दी ठीक होने की कामना करता हूं।’ मुनव्वर फारूकी की इस पिक्चर पर लोग जमकर रिएक्ट कर रहे हैं। Also Read – Top 5 TV News: राखी सावंत को हुआ कैंसर? सुनील पाल ने उड़ाई मुनव्वर फारूकी की धज्जियां

बिग बॉस 17 को किया था अपने नाम

बताते चलें कि इसी साल मुनव्वर फारूकी ने सलमान खान के शो बिग बॉस 17 की ट्रॉफी जीती थी। उन्होंने अभिषेक कुमार को पछाड़ कर इस शो को अपने नाम कर लिया था। इसके बाद वो टीवी एक्ट्रेस हिना खान के साथ एक म्यूजिक वीडियो में नजर आए थे। मुनव्वर फारूकी का विवादों से काफी गहरा नाता रहा है। मुनव्वर फारूकी ने हिंदू देवी-देवताओं का मजाक उड़ाया था। इसको लेकर वो बुरी तरह फंस गए थे। Also Read – मुनव्वर फारूकी पर अंडे फेंकने के मामले पर एल्विश यादव के रिएक्शन ने खींचा सबका ध्यान, बोले- ‘मेरे साथ तो नहीं हुआ’

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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