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Bhojpuri Song: रवि किशन ने बारिश में अंजना सिंह संग किया जबरदस्त रोमांस, देखें भोजपुरी का सबसे बोल्ड वीडियो | Bollywood Life हिंदी

भोजपुरी से लेकर बॉलीवुड तक में अपनी एक्टिंग से लाखों लोगों के दिलों को अपने नाम करने वाले एक्टर रवि किशन आए दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में बने रहते हैं। बीते साल उनकी फिल्म मिशन रानीगंज रिलीज रिलीज हुई थी, जिसमें अक्षय कुमार लीड रोल में थे। रवि किशन इन दिनों राजनीति में काफी एक्टिव हैं। वो गोरखपुर के सांसद हैं। 2024 को लोकसभा चुनाव नजदीक है तो ऐसे में वो अपनी पार्टी बीजेपी का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इस बीच रवि किशन का एक पुराना गाना फिर से वायरल हो रहा है, जिसमें वो बोल्डनेस की सारी हदें पार करते नजर आ रहे हैं। Also Read – Lagale Tu Ang Sajna Song: रवि किशन-अंजना सिंह के रोमांस को देख सर्दी में होगा गर्मी का एहसास, पानी-पानी हो जाएंगे आप

रवि किशन ने अंजना सिंह संग किया रोमांस

भोजपुरी सुपरस्टार और भाजपा सांसद रवि किशन और दिग्गज एक्ट्रेस अंजना सिंह का एक पुराना गाना ‘सइयां देखी न ऐसी नजर से’ फिर से चर्चा में आ गया है। इस गाने में रवि किशन और अंजना सिंह की बोल्ड केमिस्ट्री देख फैंस के पसीने छूट गए हैं। बारिश में रवि किशन और अंजना सिंह ने ऐसा रोमांस किया है कि सभी लोग बेकाबू हो गए हैं। बता दें कि इस गाने को कल्पना और अलोक कुमार ने मिलकर गाया है।

यहां देखें रवि किशन और अंजना सिंह का वीडियो:

भोजपुरी के हिट एक्टर हैं रवि किशन

बताते चलें कि रवि किशन ने तमाम बॉलीवुड स्टार्स के साथ काम किया है। इस लिस्ट में सलमान खान से लेकर अक्षय कुमार तक के नाम शामिल हैं। वहीं भोजपुरी में तो रवि किशन का सिक्का चलता है। ऐसा कहा जाता है कि रवि किशन ने भोजपुरी इंडस्ट्री को बढ़ाने के लिए काफी मेहनत की है। मालूम हो कि रवि किशन अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से भी काफी चर्चा में रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो उन्होंने एक्ट्रेस नगमा को डेट किया था। हालांकि बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए। Also Read – Ravi Kishan ने मीडिया के सामने Rani Chatterjee को किया था Kiss, शर्म से पानी-पानी हो गई थीं एक्ट्रेस

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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