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Apple वॉच ने बचा ली इस महिला की जान, ऐन वक्त पर किया यूजर को अलर्ट, पढ़ें पूरा मामला

एप्पल वॉच ने एक महिला को नींद से जगाकर संभावित जानलेवा ब्लड क्लॉट से बचाया. मीडिया ने यह जानकारी दी. एप्पल इनसाइडर की रिपोर्ट के मुताबिक, किम्मी वाटकिंस नाम की महिला की तबीयत ठीक नहीं थी, बेहतर महसूस करने के लिए वह सो गई. इस बीच उसकी एप्पल वॉच (apple watch) ने उसे 178 बीट प्रति मिनट की उच्च हृदय गति (हार्ट रेट) की चेतावनी दी.

महिला को निकली ब्लड क्लॉट की बीमारी

वाटकिंस ने कहा कि एप्पल वॉच ने उसे अलार्म से जगाया, मेरी हार्ट बीट ज्यादा थी. Local12 की एक रिपोर्ट में 29 साल की महिला किम्मी वॉटकिंस (Kimmy Watkins) जब अपने डॉक्टर के पास गई तो उसने बताया गया कि उसे सैडल पल्मोनरी एम्बोलिज्म है. वॉटकिंस ने पाया कि उसे ब्लड क्लॉट की बीमारी है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वह वर्तमान में ब्लड थिनर ले रही है और अपने स्टेमिना पर काम कर रही है.

किम्मी वॉटकिंस ने कहा- मैं बहुत खुशकिस्मत हूं

किम्मी वॉटकिंस ने कहा कि मैं बहुत खुशकिस्मत हूं कि वॉच ने मुझे अलर्ट किया और मैं डॉक्टर के पास पहुंच गई. उसने आगे कहा कि मेरी घड़ी के जागने से पहले मैं लगभग डेढ़ घंटे तक सोई रही थी और इस apple के वॉच के अलार्म ने मुझे जगाया था, जिसमें कहा गया था कि मेरी हृदय गति बहुत लंबे समय से बहुत ज्यादा थी. करीब 10 मिनट से ज्यादा समय के लिए, यह बहुत ज्यादा था.

मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर

पहले भी बहुत सारे एप्पल वॉच (apple watch) यूजर्स ने स्मार्टवॉच को अपनी जान बचाने का श्रेय दिया है. वॉच लगातार किसी व्यक्ति की हृदय गति की निगरानी करती है और कुछ गलत होने पर यूजर्स को सचेत करती है. Apple हेल्थ के कॉन्सेप्ट को सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य तक सीमित नहीं रखना चाहता. कंपनी ने इस महीने की शुरुआत में आयोजित WWDC 2023 के दौरान मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया और वॉचओएस 10 की नई स्वास्थ्य सुविधाओं की घोषणा की. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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