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Anupama Spoiler 27 March: मां से माफी की भीख मांगेगा तोषू, वनराज को जेल में बंद करवाने की धमकी देगी अनुपमा

Anupama Written Update: टीवी सीरियल अनुपमा में रूपाली गांगुली और गौरव खन्ना की जोड़ी धमाल मचा रही है। इस सीरियल में अनुपमा और अनुज के किरदार में दोनों को काफी पसंद किया जा रहा है। इन दिनों शो में होली पार्टी चल रही है, जिसमें अनुपमा ने अपने बिगड़ैल बेटे तोषू को पकड़ने के लिए पूरी तरह प्लानिंग कर ली है। बीते एपिसोड में अनुपमा तोषू को पकड़ने के लिए डिंपी, काव्या और किंजल के साथ एक प्लान बनाती है और तोषू भी होली पार्टी में आ जाता है। अपकमिंग एपिसोड में अनुपमा अपने बेटे को होली पार्टी में पकड़ लेगी और वनराज शाह को भी जेल भेजने की धमकी देगी। आइए आपको अपकमिंग एपिसोड का हाल बताते हैं। Also Read – TV Serial TRP Report: अनुपमा को पछाड़ने में निकली ‘तारक मेहता’ का जान, TRP में ‘ये रिश्ता क्या..’ ने लगाई छलांग

टीटू से हाथापाई करेगा वनराज

टीवी सीरियल अनुपमा (Anupama) के अपकमिंग एपिसोड में देखने के लिए मिलेगा कि टीटू डिंपी को गुलाल लगाने के लिए आगे बढ़ता है। तब उसे वनराज देख लेता है और उसका खून खौल जाता है। टीटू जैसे ही डिंपी को गुलाल लगाने के लिए हाथ आगे बढ़ता है, तो पीछे से वनराज आकर उसे जमीन पर गिरा देता है। इस दौरान टीटू के हाथ से सारा गुलाल उड़कर डिंपी की मांग में गिर जाता है। इस मौके पर अनुपमा आकर टीटू को वहां से जाने के लिए कहती है और बापू जी वनराज को रोक लेते हैं। इसके बाद अनुपमा वनराज को ये मामला छोड़कर तोषू पर ध्यान देने का इंतजार करती है। Also Read – Holi 2024: होली पार्टी में पति अश्विन संग रोमांटिक हुईं रूपाली गांगुली, एक्ट्रेस ने डांस फ्लोर पर मचाया हुड़दंग

तोषू को पकड़ेगी अनुपमा

सीरियल में आगे देखने के लिए मिलेगा कि अनुपमा तोषू को होली पार्टी में पहचान लेती है। इस दौरान वह सीधा जाकर उसका हाथ पकड़ लेती और उसके मुंह पर बाल्टी से पानी डाल देती है। तोषू को वहां पर देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। अनुपमा पहले सभी बच्चों को वहां से भेज देती है और फिर तोषू को खूब सुनाती है। इस दौरान वह तोषू को बताती है कि कैसे उसने मिस्टर शाह को मजबूर किया, ताकि वह तोषू को वहां पर बुला सकते। ये सुनकर वनराज भी भड़क जाता है। हालांकि, इस मौके पर किंजल का गुस्सा अपने पति पर निकलता है। वह चिल्ला-चिल्लाकर बोलती है, ‘पहले गलती और फिर सॉरी। ये ही देखती आ रही हूं। मैं सोचती थी कि तुम मुझसे और परी से प्यार करते हो। लेकिन मैं गलत थी।’ Also Read – Anupama 8 Maha Twist: डिंपी की मांग भरकर वनराज को औकात दिखाएगा टीटू, अनुपमा की जिंदगी में तूफान लाएंगे ये 8 ट्विस्ट

अनुपमा के पैरों में गिरेगा तोषू

सीरियल में आगे दिखाया जाएगा कि अनुपमा भी तोषू को बिल्कुल भी नहीं छोड़ती हैं। वह तोषू पर अपनी भड़ास निकालकर बोलती है, ‘आज मैं तोषू को सजा दिलाकर ही रहूंगी। तोषू मेरा दोषी है और मैं ही उसे सजा दूंगी।’ इस दौरान तोषू अनुपमा के पैर पकड़ लेता है। वह तोषू के दोनों हाथों को अपने पल्लू से बांध लेती है और बोलती है, ‘मां का पल्लू बच्चों के लिए छाया और साया दोनों होता है, लेकिन तुझे तो मैं सजा दिलाकर रहूंगी।’ इस दौरान तोषू भी चिल्लाकर बोलता है, ‘मैं भगोड़ा या कायर नहीं हूं। मैं पापा को बताकर गया था।’ इस मौके पर अनुपमा तोषू की कोई बात सुनती नहीं है। इसी वजह से तोषू मां के आगे माफी की भीख मांगता है। वह उसके आगे गिड़गिड़ाने लगता है।

वनराज को मिलेगी अनुपमा की धमकी

शो में आगे देखने के लिए मिलेगा कि अनुपमा को समझाने के लिए वनराज आगे आता है। वह अनुपमा को बोलता है, ‘तुम तोषू को जेल नहीं भेज सकती। तुम्हें किंजल और परी का भी सोचना है। हम दोनों इसके मां बाप है और हमारा फर्ज है इसके माफ करना। अगर ये जेल चला भी गया तो क्या बदल जाएगा। तुम्हारा जेल जाना अब किसी को याद नहीं है। लोगों को क्या ही फर्क पड़ता है।’ वह अनुज को भी समझाता है कि उसे अनुपमा को समझाना चाहिए। वनराज की बात सुनकर अनुपमा भड़क जाती है और बोलती है कि अगर वह बीच में आएंगे, तो वह पुलिस में जाकर बोल देगी कि वनराज शाह तोषू का साथ दे रहे हैं।

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  • ByKavita
  • Published: March 27, 2024 11:21 AM IST

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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