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WhatsApp चैनल के लिए कंपनी ला रही एक और अपडेट, जानें क्‍या होगा फायदा

WhatsApp Update: वॉट्सऐप, चैनल में एक और अपडेट जल्द देने वाला है. कंपनी चैनल ओनर को एडमिन को जोड़ने के लिए एक ऑप्शन देने वाली है. यानी ग्रुप की तरह अब चैनल में भी अलग-अलग एडमिन बनाए जा सकेंगे और एडमिन के पास ये अधिकार होगा कि वह चैनल में चीजों को पोस्ट कर पाएगा. फिलहाल वॉट्सऐप चैनल में क्रिएटर टेक्स्ट, इमेज, वीडियो, जीआईएफ आदि शेयर कर सकते हैं. जल्द कंपनी वॉइस नोट को भी चैनल में शेयर करने का ऑप्शन क्रिएटर्स को देने वाली है. ये फीचर पहले से इंस्टाग्राम ब्रॉडकास्ट चैनल में मौजूद है.

चैनल ओनर्स के लिए फायदेमंद अपडेट 

इस अपडेट की जानकारी वॉट्सऐप के डेवलपमेंट पर नजर बनाए रखने वाली वेबसाइट Wabetainfo ने शेयर की है. फिलहाल ये अपडेट एंड्रॉयड बीटा यूजर्स के लिए जारी किया गया है जो आने वाले समय में सभी को मिल सकता है. इस फीचर की मदद से चैनल ओनर उन चुनिंदा लोगों को चैनल का एडमिन बना सकते हैं जिन्हें वह जानते हैं या जिन पर वह भरोसा करते हैं. इस फीचर की मदद से क्रिएटर को फ्लैक्सिबिलिटी मिलेगी और चैनल पर लगातार कंटेंट पोस्ट हो पाएगा. दरअसल, कई बार ऐसा होता है कि क्रिएटर के पास पोस्ट करने के लिए समय नहीं रहता, ऐसे में इस फीचर की मदद से चैनल एडमिन ग्रुप में लगातार पोस्ट कर फॉलोअर्स को इंगेज रख पाएंगे. 

बिना नंबर सेव किए कर पाएंगे चैट

वॉट्सऐप, विंडो ऐप में एक फीचर की टेस्टिंग कर रहा है जिसके तहत यूजर्स बिना किसी नंबर को सेव किए भी सामने वाले व्यक्ति के साथ चैट कर पाएंगे. कंपनी न्यू चैट के तहत आपको फोन नंबर का ऑप्शन देगी जहां से आप बिना नंबर सेव किए भी सामने वाले व्यक्ति के साथ बातचत कर पाएंगे. वॉट्सऐप इस फीचर को इसलिए ला रहा है ताकि यूजर्स बिना नंबर को सेव किए जरूरत के वक़्त लोगों से फटाफट बात कर पायें. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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