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विंडोज बीटा पर मैसेज एडिट कर सकेंगे यूजर्स, WhatsApp शुरू कर रहा नया फीचर

दुनिया के सबसे पॉपुलप मैसेंजर व्हाट्सऐप (WhatsApp) यूजर्स के लिए अच्छी खबर है. विंडोज बीटा पर यूजर्स मैसेज को एडिट कर सकेंगे. कंपनी जल्द यह नया फीचर (WhatsApp windows beta massege edit feature) शुरू करने जा रही है. डब्ल्यूएबीटा इंफो की रिपोर्ट में कहा गया है कि बीटा यूजर्स अब मैसेज मेन्यू में एक एडिट एक्शन देखेंगे, जो उन्हें टेक्स्ट मैसेज को एडिट करने की परमिशन देगा. इसमें यह भी बताया गया है कि हालांकि यूजर्स मैसेज भेजने के 15 मिनट के भीतर ही उसे एडिट कर सकते हैं.

ज्यादा यूजर्स के लिए रोल आउट जल्द होगा

रिपोर्ट के मुताबिक, साथ ही, किसी अलग डिवाइस से भेजे गए मैसेज को एडिट करना संभव नहीं है. आपको बता दें, मैसेज को एडिट करने की क्षमता अभी कुछ बीटा (WhatsApp windows beta) टेस्टर्स तक ही सीमित है, जिन्होंने विंडोज अपडेट के लिए लेटेस्ट व्हाट्सऐप बीटा इंस्टॉल किया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जल्द ही यह फीचर और ज्यादा यूजर्स के लिए रोल आउट कर दिया जाएगा.

हाल में आए ये भी फीचर

मेटा के फाउंडर और सीईओ मार्क जुकरबर्ग ने पिछले महीने इस मैसेज एडिटिंग फीचर की अनाउंसमेंट किया था. इससे पहले बीते हफ्ते ही खबर आई कि मैसेजिंग प्लेटफॉर्म विंडोज बीटा (WhatsApp windows beta) में ड्रॉइंग एडिटर के लिए एक नया क्रॉप टूल रोल आउट कर रहा है. टूल यूजर्स को ऐप के अन्दर ही अपनी इमेज को क्रॉप करने में मदद करता है, जिससे उनके लिए एडिट करना आसान हो जाता है.

आईओएस के ग्रुप सेटिंग स्क्रीन के लिए एक नया इंटरफेस

मेटा के ओनरशिप वाला व्हाट्सऐप (Whatsapp) को लेकर हाल ही में खबर आई कि वह आईओएस (iOS) के ग्रुप सेटिंग स्क्रीन के लिए एक नया इंटरफेस जारी करने वाला है. ऐप स्टोर से व्हाट्सऐप के स्टेबल वर्जन का इस्तेमाल करने वाले ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर अब नया अपडेट इंस्टॉल करने के बाद ग्रुप सेटिंग्स स्क्रीन के लिए नए इंटरफेस के साथ प्रयोग कर सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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