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WhatsApp ने नया अवतार पैक किया रिलीज.. नहीं हो रहा शो तो ये काम करें, ये स्टिकर्स मिल चुके हैं

WhatsApp Avatar : वॉट्सएप ने कुछ समय पहले अपने प्लेटफार्म के लिए अवतार फीचर रोल आउट किया था. इस फीचर को यूजर्स ने काफी पसंद किया था. लोगों ने जमकर अपने अवतार क्रिएट किए थे. अब वॉट्सएप ने इस फीचर का विस्तार किया है और अवतार पैक में कुछ नए स्टिकर्स एड किए हैं. नए स्टिकर्स को iOS और Android दोनों ही यूजर्स के लिए रोल आउट किया जा चुका है. अगर आपको अभी तक नए स्टिकर नहीं मिले हैं तो आप Play Store व App Store से अपने WhatsApp का लेटेस्ट वर्जन अपडेट कर लें. 

वॉट्सएप अवतार फीचर

वॉट्सएप ने कुछ महीनों पहले ही इस फीचर को रोल आउट किया था. खास बात यह है कि इस फीचर के सहारे से आप अपना अवतार खुद क्रिएट कर सकते हैं. अवतार को आप अपनी प्रोफाइल फोटो पर भी लगा सकते हैं और स्टिकर के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. अगर आपको अभी वॉट्सएप पर अवतार वाले स्टिकर नहीं दिखाई दे रहे हैं तो आपको पहले अपना अवतार क्रिएट करना होगा. जैसे ही अपना डिजिटल अवतार बनाएंगे, तो आपको स्टिकर पैक में अपने अवतार वाले स्टिकर्स मिल जाएंगे.

Wabetainfo की लेटेस्ट रिपोर्ट


Wabetainfo की लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, वॉट्सएप  ने अपने मौजूदा अवतार स्टिकर पैक में अपडेट दिया है. नए अपडेट में यूजर्स को नए अवतार स्टिकर्स दिए गए हैं. रिपोर्ट में नए और पुराने स्टिकर का स्क्रीनशॉट भी शेयर किया गया है. शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में आप देख सकते हैं कि सभी स्टिकर पहले से अलग हैं. यह स्टिकर्स पहले से ज्यादा इमोशन और एक्सप्रेशन वाले हैं. एक बार फिर से बता देते हैं कि अगर आपको यह स्किटर पैक नहीं मिल रहा, तो आपको सबसे पहले वॉट्सएप पर अपना अवतार क्रिएट करना है और उसके बाद अपने वॉट्सएप को प्ले स्टोर या एपल स्टोर से अपडेट करना है. इतना करते ही, आपको सभी अवतार स्टिकर्स मिल जाएंगे.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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