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Jio, Airtel, VI और BSNL के यूजर्स को भारत सरकार ने दी चेतावनी, कहा ऐसे मैसेज पर भूलकर भी…

Telecom Users: भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण यानी ट्राई (TRAI) ने टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर जियो, एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया और बीएसएनएल, को यूजर्स के लिए चेतावनी जारी करने को कहा है. इस चेतावनी के जरिए टेलीकॉम कंपनियां अपने-अपने यूजर्स को साइबर क्राइम करने वाले लोगों के द्वारा भेजे जा रहे मैसेजों से सावधान रहने को कहेगी.

बड़े पैमाने पर फैलाई जाएगी जागरुकता

इकोनॉमिक टाइम्स से बातचीत करते हुए ट्राई के सचिव वी रघुनंदन ने बताया कि, आजकल साइबर क्रिमिनल्स टेलीकॉम कंपनियों और ट्राई के नाम पर लोगों को गलत मैसेज भेज रहे हैं, और उनके साथ फ्रॉड कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि, हम बड़े पैमाने पर जागरुकता फैलाने और जनता को सलाह देने के लिए सभी यूजर्स को चेतावनी संदेश भेजना चाहते हैं.

दरअसल, पिछले कई सालों से पूरे देश में हजारों साइबर क्रिमिनल्स लोगों को टेलीकॉम कंपनियों के टॉवर लगवाने, नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट या कनेक्शन बंद होने की धमकी देकर डराते या लुभाते हैं, और फिर मोबाइल नंबर का वेरीफिकेशन या ओटीपी जैसी चीजें मांगकर पैसे ठग लेते हैं. ये फ्रॉड लोग कई अलग-अलग तरीकों से पैसे ठगने का काम करते हैं.

ऑनलाइन फ्रॉड पर लगेगी लगाम

इस तरह के घटनाएं दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है, इसलिए ट्राई ने सभी कंपनियों को यूज़र्स के लिए चेतावनी जारी करने को कहा है. इस चेतावनी में एक खास मैसेज होगा, जिसमें लिखा होगा कि, ट्राई कभी भी ग्राहकों से मोबाइल नंबर की वेरिफिकेशन, नंबर डिस्कनेक्ट करने या गैरकानूनी गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिए कोई कॉल या मैसेज नहीं भेजता है.

ट्राई के नाम पर आने वाले ऐसे कॉल और मैसेज से सावधान रहे. ट्राई के नाम पर दावा करके करने वाले कॉल या मैसेज पर कोई एक्शन लेने से पहले विचार करना जरूरी है. यूजर्स धोखाधड़ी जैसी संभावनाओं की सूचना नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल को दे सकते हैं. ट्राई इन सभी मैसेज को BT-TRAIND हेडर के साथ एसएमएस करेगा.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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