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Shah Rukh Khan Dunki Release Date Update: बॉलीवुड के जाने-माने स्टार शाहरुख खान (Shah Rukh Khan) ने फिल्म ‘पठान’ और ‘जवान’ से बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया। अब इसके बाद शाहरुख खान अपनी फिल्म ‘डंकी (Dunki)’ के साथ बड़े पर्दे पर आने वाले हैं। शाहरुख खान की ये फिल्म रिलीज से पहले काफी चर्चा में बनी हुई हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह इस फिल्म की प्रभास (Prabhas) की फिल्म ‘सालार’ (Salaar) से टक्कर है। ये दोनों बॉक्स ऑफिस पर टक्कर देने वाली है। इसी बीच शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ का नया पोस्टर सामने आया है। जिसमें फिल्म की रिलीज डेट को लेकर नया खुलासा हुआ है।

इस दिन रिलीज होगी ‘डंकी’

शाहरुख खान की लीड रोल वाली फिल्म ‘डंकी‘ कई दिनों से अलग-अलग वजह से चर्चा में बनी हुई है। फिल्म की रिलीज डेट को लेकर अभी तक कई रिपोर्ट्स सामने आ चुकी हैं। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि शाहरुख खान की ‘डंकी’ 22 दिसंबर को प्रभास की ‘सालार‘ के साथ बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली है। लेकिन इसी बीच फिल्म का एक नया पोस्टर सामने आया है। इस पोस्टर में शाहरुख खान की फिल्म ‘डंकी’ से नया लुक देखने को मिल रहा है। लुक से ज्यादा लोगों का ध्यान फिल्म की रिलीज डेट ने अपनी तरफ खींच लिया। इस वायरल हो रहे पोस्टर में फिल्म की रिलीज डेट 22 दिसंबर की जगह 21 दिसंबर लिखी हुई है। फिल्म डंकी का ये पोस्टर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। इस पोस्टर में शाहरुख खान पीले रंग का कुर्ता पहने हुए दिखाई दिए और साथ ही साथ किंग खान ने काफी सारा सामान भी लिया हुआ है।

मेकर्स ने खेला बड़ा दाव

शाहरुख खान की फिल्म डंकी की रिलीज डेट 22 की जगह 21 दिसंबर कर के मेकर्स ने प्रभास की फिल्म ‘सालार’ को पटखनी के लिए बड़ा दाव खेला है। रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि फिल्म के एक दिन पहले रिलीज होने से कमाई में साफ फर्क दिखाई देगा। इसके अलावा फिल्म के पहले रिलीज होने से लोगों का ध्यान ‘सालार’ से ज्यादा ‘डंकी’ पर जाएगा। शाहरुख खान की फिल्म डंकी की रिलीज डेट बदलने पर आपकी क्या राय है, कमेंट कर के हमें जरूर बताएं।

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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