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वीकेंड पर नहीं चला सलमान-कैटरीना की फिल्म का जादू, 7वें दिन ‘टाइगर 3’ ने की इतनी कमाई?

Tiger 3 Box Office Collection Day 7: सलमान खान और कैटरीना कैफ की स्पाई थ्रिलर फिल्म टाइगर 3 दिवाली के मौके पर रिलीज हुई थी. फिल्म को लेकर दर्शकों में काफी क्रेज देखने को मिल रहा है. रिलीज के तीसरे दिन ही फिल्म ने 100 करोड़ क्लब में एंट्री कर ली थी. वहीं, 6वें दिन में फिल्म घरेलू बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ क्लब में शामिल हो गई है, तो वहीं वर्ल्डवाइड फिल्म की कमाई 300 करोड़ तक पहुंच गई है. फिल्म का 7वें दिन का कलेक्शन भी सामने आ गया है. 

सैकनिल्क की रिपोर्ट के मुताबिक, सलमान खान और कैटरीना कैफ की फिल्म टाइगर 3 ने शुक्रवार को 13.44 करोड़ रुपए का बिजनेस किया था. वही, अब सातवें दिन का कलेक्शन भी सामने आ गया है, जिसके मुताबिक फिल्म ने 17 करोड़ रुपये बटोरे हैं.

7वें दिन फिल्म ने किया कितना कलेक्शन?

यानी छठे दिन जहां फिल्म की कमाई में गिरावट आई थी, तो वहीं सातवें दिन फिल्म ने कुछ रफ्तार पकड़ी है. कुल कलेक्शन की बात करें तो, सिर्फ इंडिया में फिल्म ने 217 करोड़ कमा डाले हैं, तो वहीं वर्ल्डवाइड फिल्म की कमाई का आंकड़ा 317 करोड़ पर पहुंच गया है. 

300 करोड़ क्लब में पहुंची ‘टाइगर 3’

यूं तो टाइगर 3, 300 करोड़ क्लब में पहुंच गई है. ऐसे में टाइगर 3 अपनी कमाई से फिल्म की लागत निकाल लेगी. बता दें कि, फिल्म की सक्सेस के बाद टाइगर 3 की स्टारकास्ट यानी सलमान खान, कैटरीना कैफ और इमरान हाशमी हाल ही में एक इवेंट में पहुंचे थे. इस इवेंट में भाईजान ने अपना टाइगर स्कार्फ फिल्म की जोया यानी कैटरीना कैफ को गिफ्ट किया था. 

पहली बार टाइगर फ्रेंचाइजी में नजर आए इमरान हाशमी

टाइगर 3 की बात करें तो, ये फिल्म टाइगर फ्रेंचाइजी की तीसरी और वाईआरएफ स्पाई यूनिवर्स की पांचवी फिल्म है. टाइगर की दोनों फिल्मों में सलमान और कैटरीना साथ नजर आए थे. लेकिन इस बार फिल्म की तीसरी किस्त में इमरान हाशमी पहली बार विलेन के रोल में नजर आए हैं. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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