टैकनोलजी

McDonald’s के सिस्टम में आई तकनीकी खराबी, ग्राहकों को हुई परेशानी

McDonald’s: मैकडॉनल्ड्स ने शुक्रवार को जानकारी दी कि तकनीकी खराबी (टेक्निकल आउटेज) के कारण जापान, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर में उनके कई आउटलेट्स पर परिचालन बाधित हुआ है. हालांकि, कंपनी ने साइबर सिक्योरिटी घटना की संभावनाओं से इंकार किया है.

मैकडॉनल्ड्स का टेक्निकल आउटेज

मैकडॉनल्ड्स होल्डिंग्स कंपनी जापान के एक प्रवक्ता ने कहा कि जापान में कई मैकडॉनल्ड्स स्टोर्स ने सिस्टम में आई परेशानी के कारण व्यक्तिगत और मोबाइल से ग्राहकों का ऑर्डर लेना बंद कर दिया है, उन्होंने कहा कि वह जल्द ही दोबारा परिचालन बहाल करने के लिए काम कर रहे थे. मैकडॉनल्ड्स ने एक बयान में कहा, “हम इस तकनीकी खराबी से अवगत हैं, जिसने हमारे रेस्तरां को प्रभावित किया है; अब इस समस्या का समाधान किया जा रहा है.”

कंपनी ने जानकारी दी कि यूके और आयरलैंड में मौजूद उनके आउटलेट्स पर तकनीकी खराबी के बाद दोबारा से सर्विस शुरू हो चुकी है. वहीं, मैकडॉनल्ड्स ऑस्ट्रेलिया ने भी कहा कि उसके अधिकांश रेस्तरां फिर से खुल गए हैं.

दुनिया भर में करीब 40,000 रेस्तरां

फास्ट फूड की फील्ड में दुनिया की सबसे मशहूर कंपनियों में से एक मैकडॉनल्ड्स के दुनिया भर में करीब 40,000 रेस्तरां हैं. हर क्षेत्रों में मौजूद इस कंपनी की वेबसाइट से मिली जानकारी के अनुसार इनमें से सिर्फ संयुक्त राज्य अमेरिका यानी यूएसए में 14,000 से अधिक स्टोर हैं. मैकडॉनल्ड्स पूरे जापान में लगभग 3,000 स्टोर संचालित करता है और ऑस्ट्रेलिया में लगभग 1,000 स्टोर संचालित करता है.

यह तुरंत स्पष्ट नहीं था कि टेक्निकल आउटेज का वैश्विक स्तर पर कितने स्टोर पर असर पड़ा है. मैकडॉनल्ड्स ने इस कमेंट का अनुरोध करने पर कोई जवाब नहीं दिया था. मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार ऐसा लगता है कि मैकडॉनल्ड्स के सिस्टम में आए इस टेक्निकल फॉल्ट का असर हांगकांग और न्यूजीलैंड में मौजूद ग्राहकों पर भी पड़ा है. लोगों ने सोशल मीडिया पर मैकडॉनल्ड्स के आउटलेट्स पर आई समस्या की शिकायत की है.

यह भी पढ़ें:

इस होली पर पिचकारी लॉन्च करने की तैयारी में शाओमी, जानें इसकी खास बातें

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button