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बिग बॉस 17 से कटा अरुण महाशेट्टी का पत्ता, सामने आई ये रिपोर्ट

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान के शो बिग बॉस 17 के ग्रैंड फिनाले का आगाज हो गया है। इस शो में आज कई बॉलीवुड स्टार्स धमाल मचाने वाले हैं। इस लिस्ट में सुपरस्टार अजय देवगन का नाम भी शामिल हैं। शो के टॉप पांच कंटेस्टेंट्स अरुण महाशेट्टी, मुनव्वर फारूकी, अंकिता लोखंडे, अभिषेक कुमार और मन्नारा चोपड़ा है। इन सभी कंटेस्टेंट्स ने फिनाले वीक में जमकर धमाल मचााया है। हालांकि अब इनमें से एक का सफर खत्म हो गया है। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं कौन सा सदस्य बिग बॉस 17 के फिनाले में पहुंचकर बाहर हो गया है…

अरुण महाशेट्टी का कटा पत्ता

बिग बॉस तक ने अपने एक्स अकाउंट पर एक ट्वीट किया है, जिसमें ये दावा किया गया है कि अरुण महाशेट्टी अब इस ट्रॉफी की रेस से बाहर बाहर हो गए हैं। बता दें कि अजय देवगन और आर माधवन ने इन टॉप 5 कंटेस्टेंट को एक टास्क करवाया था। इसमें अरुण असफल रहे, जिस वजह से वो अब बाहर हो गए हैं। इस खबर के सामने आने के बाद सोशल मीडिया पर हलचल बढ़ गई है। उनके फैंस का दिल टूट गया है। बता दें कि इसी के साथ बिग बॉस 17 को अपने टॉप 4 मिल गए हैं। इस लिस्ट में अभिषेक कुमार, मुनव्वर फारूकी, अंकिता लोखंडे और मन्नारा चोपड़ा का नाम शामिल हैं। अब इन चारों में ट्रॉफी के लिए जंग देखने को मिलेगी। Also Read – Bigg Boss 17: विनर के ऐलान से पहले मेकर्स के एक दांव से पलटेगा खेल, मुनव्वर फारूकी के हाथ से फिसलेगी ट्रॉफी?

यहां पढ़े ट्वीट:

कौन जीतेगा बिग बॉस 17 की ट्रॉफी

बताते चलें कि बिग बॉस 17 को आज अपना विनर मिलने वाला है। जहां कई लोग अंकिता लोखंडे को सपोर्ट कर रहे हैं तो वहीं कई लोग मुनव्वर फारूकी को विनर बता रहे हैं। अभिषेक कुमार और मन्नारा चोपड़ा को भी लोग जमकर वोट कर रहे हैं। अब देखना ये दिलचस्प होगा कि कौन सा सदस्य बिग बॉस 17 की ट्रॉफी जीतने वाला है। आपका इसपर क्या कहना है हमें कमेंट करके जरूर से जरूर बताएं। Also Read – Bigg Boss 17 Promo: ग्रैंड फिनाले में अंकिता लोखंडे और मन्नारा चोपड़ा की होगी कांटे की टक्कर, किसकी होती जीत?

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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