बॉलीवुड और मनोरंजन

‘एलएसडी 2’ फिल्म के टीजर से पहले फिल्म डायरेक्टर ने दी वॉर्निंग!

LSD 2 Teaser Warning: साल 2010 में रीलीज हुई बोल्ड फिल्म एलएसडी फिल्म ने सिनेमाघरों में तहलका मचा दिया था. अब इस फिल्म का सीक्वल यानी कि एलएसडी 2 जल्द ही रिलीज होने जा रहा है. इस फिल्म का पोस्टर पहले ही सामने आ चुका था अब फिल्म के टीलर रिलीज होने की खबरें भी सामने आ रही हैं. इस वीडियो को लेकर दिबाकर बनर्जी ने लोगों को पहले से ही वॉर्निंग दे दी है. 

दिबाकर बनर्जी ने दी वॉर्निंग

दिबाकर बनर्जी ने टीजर रिलीज से पहले इंस्टाग्राम पर फैंस को वॉर्निंग दी है. अपने इंस्टाग्राम पोस्ट मे दिबाकर ने लिखा है- एलएसडी 2 के नेक्स्ट वीडियो के कंटेंट को लेकर पहले से ही लोगों को वॉर्निंग दे रहा हूं. अपने इस पोस्ट के आगे दूसरी लाइन में उन्होंने लिखा- आज की जेनरेशन की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ये फिल्म बनाई गई है. इसी वीडियो पोस्ट में उन्होंने कहा- ‘फिल्म के कुछ सीन्स को देखकर आप शॉक्ड हो जाएंगे’. इसी के साथ उन्होंने कहा -‘जिसको इस फिल्म मे इंट्रेस्ट आ रहा है इसे वो ही देखने जाएं. जो लोग फिल्म के कंटेट में इंट्रेस्टेड नहीं है वो न जाए’. अपने वीडियो में दिबाकर ने कहा – ‘इस फिल्म में वो ही सब दिखाया गया है जो सच है. अब एलएसडी जैसी फिल्म बनाएं और सच न लिखें ऐसा तो हो ही नहीं सकता है’. 


फैमिली के साथ न देखें फिल्म

इतना ही नहीं अपने वीडियो में दिबाकर बनर्जी ने व्यूवर्स को पहले ही बता दिया है कि वो ये फिल्म किसके साथ देखने जा सकते हैं. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा – इस फिल्म को आप अपनी गर्लफ्रेंड या बॉयफ्रेंड के साथ देखने जा सकते हैं. लेकिन गलती से भी इस फिल्म को अपनी फैमिली के साथ देखने मत जाइएगा. बता दें एकता कपूर की ये फिल्म 19 अप्रैल को बड़े पर्दे पर रिलीज होने वाली है. फिल्म की कास्ट को लेकर अब तक किसी तरीके का ऑफिशियल खुलासा नहीं किया गया है. खबरों की मानें तो उर्फी जावेद और निमृत कौर अहलूवालिया को फिल्म की लीड एक्ट्रेस बताया जा रहा है. 

ये भी पढ़ें: जब Amitabh Bachchan ने नैचुरल एक्टिंग के लिए उठाया था परेशान करने वाला कदम, तोड़ दिया था अपने ही घर वालों से कनेक्शन

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button