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सिर्फ एक दिन में इस ऐप को 2.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने किया डाउनलोड, क्या आपके फोन में है?

Jio Cinema Breaks Records: इंडियन प्रीमियर लीग के 16वें सीजन की शुरुआत 31 मार्च से हो चुकी है. 31 मार्च को गुजरात टाइटंस और चेन्नई सुपर किंग के बीच मुकाबला हुआ था जिसमें बाजी गुजरात टाइटंस ने मार ली थी. इस बार आईपीएल का प्रसारण जियो सिनेमा कर रहा है. कंपनी ने आईपीएल के ब्रॉडकास्टिंग राइट 23,000 करोड़ में खरीदे हैं. अब ऐसा लगता है कि कंपनी का ये निर्णय एकदम सही था. ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आईपीएल के पहले मैच के दौरान करीब 6 करोड़ लोगों ने जियो सिनेमा ऐप के जरिए आईपीएल देखा. इसके साथ ही 1.6 करोड लोग ऐसे थे जिन्होंने लगातार मैच को एंजॉय किया. हैरानी की बात ये है कि इस ऐप को 1 दिन के अंदर 2.5 करोड़ लोगों ने डाउनलोड किया जो अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है.

सिर्फ एक दिन में बनाया ये रिकॉर्ड

यूट्यूब का इस्तेमाल तो आप सभी अपने मोबाइल फोन में जरूर करते होंगे. यूट्यूब की मंथली व्यूअरशिप करीब 51.4 करोड़ है. आईपीएल के पहले मैच की कुल व्यूअरशिप 50 करोड़ के आसपास थी. यानी सिर्फ 1 दिन के जियो सिनेमा की व्यूअरशिप यूट्यूब के मंथली व्यूअरशिप के आसपास है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब जियो सिनेमा स्पोर्ट्स स्ट्रीमिंग को लेकर लाइमलाइट में आया हो. इससे पहले फीफा वर्ल्ड कप 2022 के दौरान प्लेटफार्म पर 32 मिलियन यूजर्स ने फाइनल मैच अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच देखा था.

फ्री में ऐसे देख सकते हैं IPL

अगर आप भी आईपीएल का मजा फ्री में उठाना चाहते हैं तो अपने मोबाइल फोन में जियो सिनेमा ऐप डाउनलोड कर लें. इसे आप प्ले स्टोर और एप स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं. खास बात ये है कि इस बार आप आईपीएल को 12 भाषाओं और अलग-अलग कैमरा एंगल से देख पाएंगे. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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