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ChatGPT वाले सैम ऑल्टमैन ने जॉइन की माइक्रोसॉफ्ट, नडेला ने खुद एक्स पर दी इसकी जानकारी

Sam Altman : चैट जीपीटी के सह-संस्थापक सैम ऑल्टमैन ने कुछ दिन पहले ही चैट जीपीटी से निकाले जाने के बाद से उनके भविष्य को लेकर चर्चाएं चल रही थी. जिनको माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने एक्स पर एक पोस्ट करके विराम दे दिया है. दरअसल माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ ने एक्स (पूवे में ट्विटर) पर लिखा है, “हम ओपनएआई के साथ अपनी साझेदारी के लिए प्रतिबद्ध हैं और हमें अपने उत्पाद रोडमैप, माइक्रोसॉफ्ट Ignite में हमने जो कुछ भी घोषित किया है, उसमें इनोवेट जारी रखने की हमारी क्षमता और अपने ग्राहकों और भागीदारों का समर्थन जारी रखने की हमारी क्षमता पर भरोसा है.”

“हमें एम्मेट शीयर और Open AI की नई नेतृत्व टीम को जानने और उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं. और हम यह खबर साझा करते हुए बेहद उत्साहित हैं कि सैम ऑल्टमैन और ग्रेग ब्रॉकमैन, सहकर्मियों के साथ, एक नई हाईटेक एआई अनुसंधान टीम का नेतृत्व करने के लिए माइक्रोसॉफ्ट में शामिल होंगे. हम उन्हें उनकी सफलता के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए शीघ्रता से आगे बढ़ने की आशा रखते हैं.” जिसके बाद तय हो गया है कि चैट जीपीटी के सह-संस्थापक सैम ऑल्टमैन और ग्रेग ब्रॉकमैन अपने साथियों के बाद माइक्रोसॉफ्ट जॉइन कर रहे हैं.

 

 

Open AI के बोर्ड ने सैम ऑल्टमैन को किया था बर्खास्त

ओपन-एआई के बोर्ड मेंबरर्स ने 17 नवंबर को अपने एआई के को-फाउंडर सैम ऑल्टमैन को उनके पद से बर्खास्त कर दिया था. इसके पीछे ओपन-एआई का कहना था कि उन्हें सैम ऑल्टमैन की काबिलियत पर भरोसा नहीं है कि वो उसे आगे लेकर जा पाएंगे. इसके बाद चर्चा हुई थी कि सैम ऑल्टमैन ओपन-एआई में अपनी वापिसी कर सकते हैं, लेकिन सत्या नडेला की एक्स पर पोस्ट के बाद इन सभी अफवाहों को विराम लग गया है.

Open AI के सीईओ का पद संभालेंगे ये

ऑल्टमैन की वापसी पर बात नहीं बनने के बाद खबर है कि ओपन एआई के अंतरिम सीईओ का पद वीडियो स्ट्रीमिंग साइट Twitch के को फाउंडर एम्मेट शीयर संभालेंगे. ऑल्टमैन की बर्खास्तगी के बाद कंपनी ने चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर मीरा मुराती को सीईओ का चार्ज सौंपा था.

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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