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अब नए फीचर के साथ आएगा मजा! फेसबुक और इंस्टाग्राम इस तरह होंगे कनेक्ट

Meta Social Media Platforms: मेटा अपने सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को एक साथ कनेक्ट करने की तैयारी में लगी हुई है. अब संकेत मिले हैं कि वॉट्सऐप पर मिलने वाला नया फीचर जल्द इंस्टाग्राम को अपने साथ कनेक्ट करेगा. इससे पहले फेसबुक-वॉट्सऐप और फेसबुक-इंस्टाग्राम पर क्रॉस पोस्टिंग का ऑप्शन मिलता है, लेकिन अब सामने आ रहा है कि जल्द ही वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम के लिए भी ये फीचर आने वाला है.

वॉट्सऐप पर एक के बाद एक नये फीचर्स देखने को मिल रहे हैं. किसी भी फीचर को रोलआउट करने से पहले बीटा वर्जन में टेस्ट किया जाता है. अब Android Beta वर्जन से एक फीचर के संकेत मिले है. इसमें अब यूजर्स वॉट्सऐप स्टटेस इंस्टाग्राम पर भी शेयर कर सकेंगे. iOS वर्जन में यह लेटेस्ट फीचर पहले ही मिल रहा है. 

वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम पर एक साथ शेयर कर सकेंगे स्टेटस

एंड्रॉयड फोन में इस नए फीचर के आने से वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम दोनों पर स्टेटस शेयर करने का ऑप्शन एक साथ मिलेगा, जिसका सबसे बड़ा फायदा है कि यूजर्स को बार-बार एक जैसी प्रक्रिया नहीं दोहरानी पड़ेगी. अगर यूजर्स एक जैसा स्टेटस या स्टोरी शेयर करना चाहते हैं तो उन्हें दो बार अलग-अलग ऐप्स में जाना नहीं होगा. इससे यूजर्स का समय और मेहनत दोनों बचने वाले हैं. इसके अलावा, यह सुविधा ऑप्शनल होगी और यूजर्स यह तय कर सकते हैं कि वे इसे चालू करना चाहते हैं या नहीं.

वॉट्सऐप पहले ही यूजर्स को फेसबुक स्टोरी पर अपने स्टेटस अपडेट को ऑटोमेटिक शेयर करने की सुविधा प्रदान करता है. जिसमें आप इसे ऑप्शन के तौर पर सिलेक्ट कर सकते हैं. यह सुविधा विभिन्न ऐप्स पर किसी के स्टेटस को अपडेट करने की प्रक्रिया को सरल बनाती है और यूजर्स का समय बचाने में मदद करती है, जब वे अलग-अलग ऐप्स पर एक ही कंटेंट को शेयर करना चाहते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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