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‘एनिमल’ की सक्सेस के बीच एयरपोर्ट पर स्पॉट हुईं रश्मिका मंदाना, फिल्म को लेकर किया ये सवाल

Rashmika Mandanna Video: रणबीर कपूर और रश्मिका मंदाना स्टारर ‘एनिमल’ थिएटर्स में धमाल मचा रही हैं. दर्शकों पर संदीप रेड्डी वांगा के डायरेक्शन में बनी फिल्म का फीवर सिर चढ़कर बोल रहा है. बॉक्स ऑफिस पर फिल्म की जबरदस्त कमाई हो रही है. 

‘एनिमल’ की सक्सेस के बीच एयरपोर्ट पर स्पॉट हुईं रश्मिका मंदाना
वहीं अब एनिमल के सक्सेस के बीच फिल्म की हीरोईन रश्मिका को एयरपोर्ट पर स्पॉट किया गया है. इसी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया है, जो खूब वायरल हो रहा है. वीडियो में देखा जा सकता है कि रश्मिका को देखते ही पैपराजी उन्हें घेर लेते हैं.


लोगों से फिल्म को लेकर किया ये सवाल…
इस दौरान वे उनसे पूछती हैं कि आपको फिल्म अच्छी लगी ना? पैपराजी का जवाब हां सुनकर रश्नमिका  सभी का शुक्रिया अदा करती हैं. सोशल मीडिया पर उनका ये वीडियो खूब वायरल हो रहा है. 

एक्ट्रेस के परफॉर्मेंस की हो रही तारीफ
बता दें कि फिल्म में रश्मिका के किरदार का नाम गीतंजलि है, जो रणबीर कपूर की पत्नी को रोल प्ले कर रही हैं. फिल्म में उनके दमदार परफॉर्मेंस की खूब तारीफ हो रही है. दर्शकों को रणबीर के साथ उनकी केमिस्ट्री पसंद आ रही है. बता दें कि फिल्म में दोनों के इंटीमेट सीन्स भी देखने को मिल रहे हैं. वहीं रश्मिका के अलावा रणबीर और तप्ती डिमरी के साथ भी इंटीमेट सीन्स भी सोशल मीडिया पर खूब चर्चा में बने हुए हैं. इन सीन्स को लेकर यूजर तरह-तरह की प्रितिक्रियाएं दे रहे हैं. 

एनिमल का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन
एनिमल के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर आए तों फिल्म ने 1 दिसंबर को रिलीज हुई रणबीर कपूर की फिल्म ने महज चार दिनों के अंदर 210.36 करोड़ रुपये कमा डाले हैं. फिल्म की रफ्तार को देकते हुए ये कहा जा सकता है कि आने वाले दिनों में एनिमल बॉक्स ऑफिस का सिस्टम हिला कर रख देगी. 

ये भी पढ़ें: Animal Box Office Collection Day 4: मंडे को भी बॉक्स ऑफिस पर बजेगा Ranbir Kapoor का डंका, जानें एनिमल का Early Estimate

Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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