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30वें दिन 600 करोड़ की ओर बढ़ी रणबीर कपूर की फिल्म, जानें- कलेक्शन

Animal Box Office Collection Day 30: रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल रिलीज के बाद से ही बॉक्स ऑफिस पर छाई हुई है. फिल्म को रिलीज हुए 30 दिन पूरे हो चुके हैं ऐसे में भी फिल्म थिएटर्स में डटी हुई है. सालार और डंकी की रिलीज के बाद भी फिल्म करोड़ो का कारोबार कर रही है. 1 दिसंबर को रिलीज हुई एनिमल को लेकर फैंस में क्रेज थमने का नाम नहीं ले र हा है. फिल्म पहले ही 500 करोड़ क्लब में शामिल हो चुकी है और अब ये धीरे-धीरे ही सही लेकिन 600 करोड़ की तरफ अपना कदम बढ़ा रही है. चलिए जानते हैं ‘सालार’ और ‘डंकी’ की आंधी के बीच एनिमल ने 30वें दिन कितना कलेक्शन किया है?

30 वें दिन 600 करोड़ की तरफ बढ़ी एनिमल 
एनिमल के लिए फैंस का क्रेज किस कदर हैं ये अब तक देखने को मिल रहा है. दिसंबर के पहले दिन रिलीज हुई इस फिल्म ने खूब कमाई की है. फिल्म ने एडवांस बुकिंग में ही काफी तगड़ा कलेक्शन किया था. वहीं ओपनिंग डे पर फिल्म ने 63.8 करोड़ का कलेक्शन किया था. इसके साथ ही हर दिन एनिमल का कलेक्शन काफी अच्छा होता रहा और फिल्म 500 करोड़ क्लब में शामिल हो गई. वहीं, अब इसका 30 डे का कलेक्शन भी सामने आ गया है.

  • सैकनिल्क की अर्ली टैड  रिपोर्ट के मुताबिक एनिमल ने रिलीज के 30वें दिन  1.35 का कलेक्शन किया है.
  • इसी के साथ फिल्म ने घरेलू बॉक्स ऑफिस पर टोटल 543.22 करोड़ रुपये का कलेक्शन कर लिया है. 

एनिमल की स्टारकास्ट
एनिमल को साउथ के मशहूर निर्देशक संदीप वांगा रेड्डी ने डायरेक्ट किया है. फिल्म में रणबीर कपूर के अपोजिट रश्मिका मंदाना नजर आईं. वहीं, इनके साथ ही फिल्म में अनिल कपूर, बॉबी देओल, तृप्ति डिमरी अहम किरदारों में दिखें. फिल्म 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी. फिल्म में बाप और बेटी के रिश्ते की कहानी दिखाई गई है.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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