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वायरस अटैक भी नहीं बिगाड़ पाएगा कुछ! Android 15 में आने वाला है ये तगड़ा सिक्योरिटी फीचर

Android 15 New Security Feature: एंड्रॉयड 15 को अगले महीने Google I/O 2024 इवेंट में पेश किया जाने वाला है. इससे पहले गूगल के इस अपकमिंग ऑपरेटिंग सिस्टम को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है. बताया जा रहा है कि एंड्रॉयड 15 में जबरदस्त सिक्योरिटी फीचर आने वाला है. यह फीचर न सिर्फ फर्जी ऐप को डाउनलोड करने से रोकेगा बल्कि फोन में मौजूद फर्जी ऐप्स को ब्लॉक भी कर देगा. 

एंड्रॉयड 15 के इस सिक्योरिटी फीचर को लेकर Android Authority की रिपोर्ट में बताया गया है कि फीचर को अर्ली बीटा वर्जन में देखा गया है. गूगल अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के ऐप स्टोर में इस तरह से सिस्टम को डेवलप कर रहा है, जिससे कोई भी फर्जी ऐप रिस्ट्रिक्ट हो जाएगा. एंड्रॉयड के इस फीचर को Quarantine नाम दिया गया है, जो कि आपके फोन को किसी भी तरह के वायरस अटैक से बचाने वाला है. 

हाल ही में एंड्रॉयड 15 का बीटा वर्जन हुआ रिलीज

एंड्रॉयड 15 का इंतजार पिछले काफी महीनों से किया जा रहा है. दुनियाभर में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम वाला स्मार्टफोन यूज़ करने वाले यूज़र्स बेसब्री से जानना चाहते हैं कि एंड्रॉयड 15 के जरिए उनके फोन में कौन-कौन से नए फीचर्स शामिल होंगे. हाल ही में गूगल ने एंड्रॉइड 15 का पहला पब्लिक बीटा वर्ज़न रिलीज किया है.

ये स्मार्टफोन यूजर्स कर सकते हैं इस्टांल 

एंड्रॉयड 15 बीटा 1 वर्ज़न फिलहाल सिर्फ गूगल पिक्सल के स्मार्टफोन यूज़र्स के लिए उपलब्ध है. फिलहाल एंड्रॉयड 15 का बीटा वर्जन Pixel 6 series, Pixel 7 series, Pixel Tablet, Pixel Fold और Pixel 8 सीरीज में इंस्टॉल किया जा सकता है. 

Android 15 के जरिए एक दूसरा खास फीचर भी यूज़र्स को मिलने वाला है, जिसके जरिए फोन में कोई भी ऐप किसी विंडो स्टाइल में नहीं खुलेगा बल्कि वह पूरे स्क्रीन में खुलेगा. इसका मतलब कि फोन में किसी ऐप को यूज़ करने के दौरान नीचे या ऊपर की तरफ दिखने वाला ब्लैक कलर का बार बॉक्स अब दिखाई नहीं देगा. इस फीचर से यूज़र्स का डिस्प्ले एक्सपीरियंस काफी नया और शानदार हो जाएगा. 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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