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क्या आप iPhone 15 सीरीज को एंड्रॉइड चार्जर से चार्ज कर सकते हैं?

Charging iPhone 15 with android charger: iPhone 15 सीरीज बाजार में खरीदारी के लिए उपलब्ध है. इस बार नई सीरीज कई सारे बदलाओ के साथ आई है जिसमें एक यूएसबी टाइप-सी चार्जिंग भी है. iPhone 15 सीरीज में कंपनी ने एंड्रॉइड वाला चार्जिंग पोर्ट दिया है. लाइटनिंग पोर्ट के बजाय यूएसबी टाइप-सी पोर्ट मिलने के बाद कई लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या वे एंड्रॉइड फोन के चार्जर से नए iPhone को चार्ज कर सकते है या नहीं? अगर हां, तो किन बातों का उन्हें ध्यान रखना चाहिए आदि.

ये है जवाब 

आप iPhone 15 सीरीज को एंड्रॉइड चार्जर से भी चार्ज कर सकते हैं लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि भले ही आपका एडाप्टर या केबल कितने भी वॉट की हो, आप iPhone 15 और 15 Plus को केवल 20 वॉट या इससे कम पर ही चार्ज कर पाएंगे. एंड्रॉइड अथॉरिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, iPhone 15 और 15 Plus को आप केवल 20 वॉट या इससे कम की स्पीड से ही चार्ज कर पाएंगे. ऐसा नहीं है कि 65 वॉट के चार्जर से ये एकदम फ़ास्ट चार्ज हो जाएं. इसकी वजह कंपनी के पोर्ट्स हैं. इसी तरह iPhone 15 Pro और Pro Max को आप 27 से 29 वॉट की स्पीड से चार्ज कर पाएंगे. प्रो मॉडल्स बेस मॉडल्स की तुलना में थोड़ा जल्दी चार्ज होंगे.

हमारी सलाह यही है कि आप स्मार्टफोन के लिए निर्धारित किये गए चार्जर से ही इसे चार्ज करें क्योकि इससे आपकी बैटरी हेल्थ सही बनी रहेगी.  एप्पल की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, iPhone 15 और 15 Plus 20 वॉट के एडाप्टर से 30 मिनट में 50% तक चार्ज हो जाते हैं. आप स्मार्टफोन को फास्ट चार्ज करने के कंपनी के ज्यादा वॉट के एडाप्टर भी ले सकते हैं. iPhone 15 सीरीज में कितने एमएएच की बैटरी मिलती है, इस बात की जानकारी एप्पल ने आधिकारिक तौर पर शेयर नहीं की है. हालांकि कंपनी ने ये जरूर बताया कि नई सीरीज एक चार्ज पर कितने देर चल सकती है. इस विषय में जानकारी आप एप्पल की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं.

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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