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रणबीर कपूर से पहले महेश बाबू को ऑफर हुई थी एनिमल? फिल्म का नाम था डेविल!

Ranbir Kapoor Film Animal: इन दिनों रणबीर कपूर अपनी अपकमिंग फिल्म ‘एनिमल’ के प्रमोशन में लगे हुए हैं. हाल ही में रणबीर फिल्म के प्रमोशन के लिए हैदराबाद पहुंचे थे. जहां उनकी फिल्म के लिए एक इवेंट रखा गया था. एनिमल प्रमोशन इवेंट में महेश बाबू ने रणबीर कपूर की जमकर तारीफ की है. 

रणबीर कपूर से पहले महेश बाबू को ऑफर हुई थी एनिमल?

इस दौरान संदीप रेड्डी वांगा ने ‘एनिमल’ के बारे में सबसे पहले महेश बाबू को सुनाए जाने की अफवाहों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने महेश बाबू को एक फिल्म पेश की थी, लेकिन ये एनिमल नहीं थी बल्कि उस फिल्म का नाम ‘डेविल’ था. उन्होंने कहा कि महेश ने फिल्म को रिजेक्ट नहीं किया है. ये बस किसी वजह से साकार नहीं हुआ.

 फिल्म का नाम था डेविल! 

रिपोर्ट्स के मुताबिक, महेश बाबू को उस वक्त इस फिल्म की स्क्रिप्ट अपने और अपने दर्शकों के लिए इरेलेवेंट लगी. महेश बाबू ने संदीप से फिल्म की स्क्रिप्ट में कुछ चेंज करने की गुजारिश की थी, क्योंकि उन्हें लगा था कि फिल्म का सब्जेक्ट बहुत ज्यादा डार्क है. संदीप रेड्डी वांगा ने फिल्म की स्क्रिप्ट चेंज करने से इनकार कर दिया और ‘एनिमल’ के लिए रणबीर कपूर को मेन लीड में कास्ट किया.

वहीं इवेंट में महेश बाबू ने रणबीर कपूर को इंडिया का बेस्ट एक्टर बता दिया है. साथ ही उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि वे रणबीर कपूर के बहुत बड़े फैन हैं. बता दें कि, रणबीर कपूर की फिल्म ‘एनिमल’ में उनके साथ रश्मिका मंदाना भी नजर आने वाली है. फिल्म में अनिल कपूर और बॉबी देओल भी अहम रोल में हैं. ये फिल्म 1 दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो रही है. 

 

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Aslam Khan

हर बड़े सफर की शुरुआत छोटे कदम से होती है। 14 फरवरी 2004 को शुरू हुआ श्रेष्ठ भारतीय टाइम्स का सफर लगातार जारी है। हम सफलता से ज्यादा सार्थकता में विश्वास करते हैं। दिनकर ने लिखा था-'जो तटस्थ हैं समय लिखेगा उनका भी अपराध।' कबीर ने सिखाया - 'न काहू से दोस्ती, न काहू से बैर'। इन्हें ही मूलमंत्र मानते हुए हम अपने समय में हस्तक्षेप करते हैं। सच कहने के खतरे हम उठाते हैं। उत्तरप्रदेश से लेकर दिल्ली तक में निजाम बदले मगर हमारी नीयत और सोच नहीं। हम देश, प्रदेश और दुनिया के अंतिम जन जो वंचित, उपेक्षित और शोषित है, उसकी आवाज बनने में ही अपनी सार्थकता समझते हैं। दरअसल हम सत्ता नहीं सच के साथ हैं वह सच किसी के खिलाफ ही क्यों न हो ? ✍असलम खान मुख्य संपादक

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